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गिरफ्तारी वारंट के कारण G-20 समिट के लिए भारत नहीं आएंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन!

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली नहीं आएंगे. जी हां, खबरें निकलकर सामने आ रही है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9-10 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे.

Vladimir Putin In G-20 Summit 2023 : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नई दिल्ली नहीं आएंगे. जी हां, खबरें निकलकर सामने आ रही है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 9-10 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं होंगे. आधिकारिक तास समाचार एजेंसी ने क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से कहा, “नहीं, राष्ट्रपति की ऐसी कोई योजना नहीं है.” क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पुतिन की भागीदारी का प्रारूप बाद में निर्धारित किया जाएगा.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुए

जोहानिसबर्ग में हाल ही में समाप्त हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुए. उनका प्रतिनिधित्व रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने किया. राष्ट्रपति पुतिन ने कोविड-19 के बाद हुए पहले प्रत्यक्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला किया क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने यूक्रेनी बच्चों को रूस में निर्वासित करने की एक कथित योजना को लेकर मार्च में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. दक्षिण अफ्रीका आईसीसी से जुड़ा हस्ताक्षरकर्ता है और आशंका थी कि वह पुतिन के आने पर उनकी गिरफ्तारी कराने में मदद करता है.

आपराधिक तत्वों की पहचान व जांच करेगी दिल्ली पुलिस

अगर बात जी20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों की करें तो दिल्ली पुलिस जी20 शिखर सम्मेलन के लिए सुरक्षा कवायद के तहत, किसी भी अफवाह फैलाने वाले या भड़काऊ पोस्ट को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखेगी, आपराधिक तत्वों की पहचान व जांच करेगी और शहर में मॉल, बाजारों व धार्मिक स्थलों पर ध्यान केंद्रित करेगी. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में “अनुचित प्रवेश को रोकने के लिए” सभी सीमाओं को सील कर दिया जाएगा, हालांकि सामान्य वाहनों और लोगों को आवाजाही की अनुमति दी जाएगी.

प्रबंधन के लिए 60 पुलिस उपायुक्तों को दायित्व सौंपा गया

उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पुलिस आयुक्त समेत दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसके बाद उन्होंने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अगर कुछ विशेष समूह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान विरोध प्रदर्शन करने या उपद्रव मचाने की कोशिश करते हैं, तो पुलिस उन्हें शहर में प्रवेश करने से रोक देगी. राज निवास के अधिकारियों ने कहा कि बैठक के दौरान उपराज्यपाल को सूचित किया गया कि अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन से संबंधित विशिष्ट कार्यों की निगरानी और प्रबंधन के लिए 60 पुलिस उपायुक्तों को दायित्व सौंपा गया है.

क्रेमलिन का विरोध करने वाले अलग-अलग तरह के हमलों के हो रहे शिकार

वहीं, समाचार एजेंसियों की मानें तो क्रेमलिन का विरोध करने वाले, उसके राजनीतिक आलोचक, सत्ता का साथ छोड़कर दूसरे पक्ष के लिए जासूस बने लोग और खोजी पत्रकार वर्षों से अलग-अलग तरह के हमलों के शिकार हो रहे हैं जिनमें कुछ जीवित बचे तो कई की मौत तक हो गई. इन लोगों के खिलाफ ना सिर्फ पोलोनियम मिली चाय या जानलेवा नर्व एजेंट जैसे तरीको का उपयोग किया जाता है बल्कि कुछ तो मकानों की खिड़कियों से छलांग भी लगा देते हैं. हालांकि, अभी तक किसी के भी हवाई दुर्घटना में मारे जाने की सूचना नहीं है. लेकिन बुधवार को एक लड़ाका समूह के प्रमुख को लेकर जा रहा एक निजी विमान जरूर हजारों फुट की ऊंचाई पर टूटने के बाद गिर गया. इस लड़ाका समूह के प्रमुख ने हाल ही में रूस के खिलाफ विद्रोह का प्रयास किया था.

पुतिन के दुश्मनों की हत्या का प्रयास बेहद सामान्य!

करीब 25 साल की सत्ता के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के दुश्मनों की हत्या का प्रयास बेहद सामान्य बात रही है. पीड़ितों/मृतकों के करीबियों और जीवित बचे कुछ लोग इनके लिए रूसी प्रशासन को जिम्मेदार बताते हैं लेकिन क्रेमलिन ने हमेशा इनमें अपनी संलिप्तता से इंकार किया है. ऐसी भी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें रूसी प्रशासन के शीर्ष पदाधिकारी संदिग्ध परिस्थितयों में खिड़कियों से गिर गए, लेकिन यह हत्या का मामला है या आत्महत्या का, यह सुनिश्चित कर पाना मुश्किल है.

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