नयी दिल्ली : एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कोरोना (Coronavirus) की रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V (Sputnik V) कोरोनावायरस के सभी वैरिएंट के खिलाफ कारगर है. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक गमलेया संस्थान ने कहा कि रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड, रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ मिलकर कोविड 19 के खिलाफ इस टीके को विकसित किया है.
गमलेया संस्थान ने कहा कि इसके द्वारा किये गये एक अध्ययन के दौरान, स्पुतनिक-V का टीका लगावाने वाले नये रूपों – पहली बार यूके में पहचाना गया कोरोना के अल्फा (बी.1.1.7) के अलावा, पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया- बीटा (बी.1.351), पहली बार ब्राजील में पहचाना गया -गामा (पी.1) और पहली बार भारत में पहचाना गया डेल्टा (बी.1.617.2 और बी.1.617.3) पर पूरी तरह प्रभावी है.
संस्थान ने आगे कहा कि वैक्सीन मॉस्को के स्थानिक वैरिएंट B.1.1.141 और B.1.1.1.317 से भी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है. गमलेया संस्थान अध्ययन पद्धति जीवित वायरस का उपयोग करके वायरस को निष्क्रिय करने वाली गतिविधि (वीएनए) के आकलन पर आधारित थी. इसमें कहा गया है कि स्पुतनिक वी की दो खुराक के साथ टीकाकरण के बाद व्यक्तियों से एंटीबॉडी पाया गया है.
वैक्सीन दो-खुराक वाला शॉट है (लेकिन अन्य दो-खुराक वाले टीकों के विपरीत दो असमान खुराक) जो गंभीर बीमारी को रोकने में 91.6 फीसदी प्रभावी है जैसा कि चरण 3 नैदानिक परीक्षणों में पाया गया था. गमलेया संस्थान ने कहा कि यह वैक्सीन यह अब तक 3.5 अरब से अधिक लोगों की कुल आबादी वाले 67 देशों में पंजीकृत है. भारत में उत्पाद का विपणन करने वाली डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने कहा कि स्पुतनिक वी को देश में आने वाले सप्ताह में व्यावसायिक रूप से लॉन्च किया जा सकता है.
भारतीय ड्रग कंट्रोलर ने स्पुतनिक वी के प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी है. शुरुआत में हैदराबाद में आज से इसे लगाया जा रहा है. स्पुतनिक वी रोलआउट तेजी से बढ़ा है और पूरे भारत में शहरों और कस्बों तक पहुंच गया है- जिसमें हैदराबाद, विजाग, बेंगलुरु, मुंबई, नवी मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, एनसीआर, चेन्नई तक पहुंच गया है.