S Jaishankar: बीते साल यूरोप ने रूस से भारत की तुलना में 6 गुणा ज्यादा ईंधन खरीदा. इस बात की जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने एक बयान में इस बात की जानकारी दी. आगे बताते हुए जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय राजनीतिक नेतृत्व अपनी आबादी पर रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव को कम करने का प्रयास करेगा. इन बातों का खुलासा जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान यह बात कही.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी शक्तियों के असंतोष के बावजूद रूस से कच्चे तेल का आयात करने के भारत के कदम का बचाव करते हुए कहा कि- यूरोप ने फरवरी 2022 से भारत की तुलना में रूस से फॉसिल फ्यूल का छह गुना अधिक इम्पोर्ट किया है. दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा कि यूरोपीय राजनीतिक नेतृत्व अपनी आबादी पर रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव को कम करना चाहेगा, और यह एक विशेषाधिकार है जिसे उन्हें अन्य राजनीतिक नेतृत्व तक भी विस्तारित करना चाहिए.
जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ओआरएफ (ORF) को दिए एक साक्षात्कार के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा- यूरोप अपने आयात को आरामदायक तरीके से कम करने में कामयाब रहा है. अगर 60,000 यूरो (प्रति व्यक्ति आय) पर, आप अपनी जनसंख्या के बारे में इतनी परवाह कर रहे हैं, तो मेरे यहां 2,000 अमेरिकी डॉलर की आय वाली आबादी है. मुझे भी ऊर्जा की आवश्यकता है, और मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि मैं तेल के लिए ज्यादा कीमत चुका सकूं. जयशंकर ने यह भी कहा कि फरवरी 2022 से यूरोप ने भारत की तुलना में रूस से छह गुना अधिक ऊर्जा का आयात किया है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अगर यह सिद्धांत की बात थी तो यूरोप ने 25 फरवरी को मॉस्को से बिजली क्यों नहीं बंद की.
रूसी तेल के लिए भारत की चाहत तब से बढ़ गई है, जब से मॉस्को ने इस पर छूट पर देनी शुरू की है. क्योंकि, पश्चिम ने यूक्रेन पर हमले के चलते रूस को दंडित करने के लिए उसके तेल का बहिष्कार किया है. जानकारी के लिए बता दें रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला शुरू कर दिया था और तब से पश्चिमी देश उसे दंडित करने के लिए देशों से रूसी तेल का त्याग करने के लिए कहते रहे हैं. भारत सरकार रूस के साथ अपने तेल व्यापार का यह कहते हुए पुरजोर बचाव करती रही है कि वह तेल वहीं से लेगी जहां यह सबसे सस्ता होगा. (भाषा इनपुट के साथ)