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भारत हमेशा अवैध भारतीयों की वैध वापसी के लिए तैयार- एस जयशंकर

S Jaishankar: जयशंकर ने आगे कहा, "क्योंकि आप यह भी जानते हैं कि जब कुछ अवैध होता है, तो कई अन्य अवैध गतिविधियां भी उसके साथ जुड़ जाती हैं, जो वांछनीय नहीं है. यह निश्चित रूप से प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है.

S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत हमेशा से अवैध भारतीयों की वैध वापसी के लिए खुला रहा है. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अभी भी अमेरिका से उन लोगों की पुष्टि करने की प्रक्रिया में है जिन्हें भारत भेजा जा सकता है और ऐसे व्यक्तियों की संख्या अभी निर्धारित नहीं की जा सकती है. 

जयशंकर ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा, “एक सरकार के रूप में, हम स्पष्ट रूप से कानूनी गतिशीलता के बहुत समर्थक हैं क्योंकि हम एक वैश्विक कार्यस्थल में विश्वास करते हैं. हम चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभा और भारतीय कौशल को वैश्विक स्तर पर अधिकतम अवसर मिले. साथ ही, हम अवैध गतिशीलता और अवैध प्रवास का भी दृढ़ता से विरोध करते हैं.”

जयशंकर ने आगे कहा, “क्योंकि आप यह भी जानते हैं कि जब कुछ अवैध होता है, तो कई अन्य अवैध गतिविधियां भी उसके साथ जुड़ जाती हैं, जो वांछनीय नहीं है. यह निश्चित रूप से प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए, हर देश के साथ और अमेरिका कोई अपवाद नहीं है, हमने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि यदि हमारा कोई नागरिक अवैध रूप से वहां है और अगर हमें यकीन है कि वे हमारे नागरिक हैं, तो हम हमेशा उनके वैध भारत वापसी के लिए खुले हैं.”

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विदेश मंत्री जयशंकर उन समाचार रिपोर्टों पर एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, जिनमें कहा गया था कि भारत ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर अमेरिका में लगभग 1,80,000 भारतीयों को निर्वासित करने के लिए काम कर रहा है, जो या तो बिना किसी दस्तावेज के हैं, या अपने वीजा की अवधि से अधिक समय तक रह चुके हैं.

इस पर जयशंकर ने कहा, “यह स्थिति केवल संयुक्त राज्य अमेरिका तक ही सीमित नहीं है. मैं समझता हूँ कि अभी एक निश्चित बहस चल रही है और परिणामस्वरूप एक संवेदनशीलता है, लेकिन हम सुसंगत रहे हैं, हम इस बारे में बहुत ही सैद्धांतिक रहे हैं और यह हमारी स्थिति बनी हुई है. मैंने इसे स्पष्ट रूप से सचिव (विदेश मंत्री, मार्को) रुबियो को बता दिया है”. 

भारतीय विदेश मंत्री ने आगे कहा, “साथ ही, मैंने उनसे यह भी कहा कि, जबकि हम यह सब समझते हैं, और मैं यह भी स्वीकार करता हूं कि ये स्वायत्त प्रक्रियाएं हैं, कानूनी और पारस्परिक रूप से लाभकारी गतिशीलता को सुविधाजनक बनाना हमारे पारस्परिक हित में है. यदि वीजा प्राप्त करने में 400 दिनों की प्रतीक्षा अवधि लगती है, तो मुझे नहीं लगता कि इससे संबंध अच्छे से विकसित होंगे. जयशंकर ने कहा, “लेकिन मैंने कुछ संख्याएं देखी हैं. मैं आपको उनके बारे में सावधान करता हूं क्योंकि हमारे लिए, एक संख्या तभी प्रभावी होती है जब हम वास्तव में इस तथ्य को सत्यापित कर सकें कि संबंधित व्यक्ति भारतीय मूल का है.”

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