Rajasthan : ’32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी की जो जीभ है उसे संतुलित रखें’, सचिन पायलट ने क्यों कहा ऐसा
Rajasthan Congress Crisis : बुजुर्गों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए और युवाओं को न्याय व मौका मिलना चाहिए. सचिन पायलट लगातार कर रहे हैं सीएम अशोक गहलोत पर हमला
Rajasthan Congress Crisis : राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिससे पहले सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. इन दिनों सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट रैलियो में व्यस्त हैं और मंच से सीएम अशोक गहलोत पर जोरदार प्रहार कर रहे हैं, हालांकि ये हमला इशारों-इशारों में किया जा रहा है. शुक्रवार को एक रैली का वीडियो सामने आया है जिसमें सचिन पायलट कहते नजर आ रहे हैं कि 32 सलाखों के पीछे बिना हड्डी की जो जीभ है उसे संतुलित करना बहुत जरूरी होता है. मुंह से निकली हुई बात कभी वापिस नहीं आती. राजनीति में मैंने मेरे स्वर्गीय पिताजी से बहुत कुछ सीखा है और राजनीति के अखाड़े में बड़े-बड़ों को पटखनी देते हुए देखा है.
#WATCH | Rajasthan Congress leader Sachin Pilot says, "…It is essential to keep the tongue inside these 32 bars (teeth) in sync. Words, once spoken, can't be taken back. In my political career, I learnt a lot from my late* father…" (20.01) pic.twitter.com/snlQdWgqT9
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) January 21, 2023
युवाओं को मौका मिलना चाहिए
इतना ही नहीं राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि बुजुर्गों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए और युवाओं को न्याय व मौका मिलना चाहिए. पायलट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि 2004 में उन्होंने पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल की जाने वाली अपेक्षाओं पर चर्चा करने के लिए उनके सहित 15-20 युवा नेताओं को बुलाया था. गहलोत पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि लोगों की परवरिश ऐसी होनी चाहिए कि वे दूसरों का सम्मान करें. पायलट ने कहा कि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी.
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सरकार के गिरने की आ गयी थी नौबत
आपको बता दें कि कई बार सचिन पायलट और अशोक गहलोत आमने सामने आ चुके हैं जिससे कांग्रेस की चिंता बढ़ गयी है. यदि आपको याद हो तो राजस्थान में शीर्ष पद की आकांक्षा लिये पायलट ने पिछले चुनाव में पूरा जोर कांग्रेस को जिताने के लिए लगा दिया था. इसके बाद राहुल गांधी ने उन्हें डिप्टी सीएम के लिए मना लिया था. इसके बाद सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच रिश्तों में खटास पैदा हो गयी और सूबे में सरकार गिरने तक की नौबत आ गयी. इसके बाद किसी तरह स्थिति को संभाला गया था.
भाषा इनपुट के साथ