क्या राजस्थान में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली है ? दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने एक ताजा बयान दिया है और वो भी सचिन पायलट के पक्ष में….उन्होंने कहा है कि मैं सचिन पायलट के साथ हूं यदि वो नहीं होते तो मैं चुनाव नहीं जीतता.
कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा है कि अगर सचिन पायलट को नेतृत्व देते हैं तो 100% सत्ता रिपीट होती है. जनता अगर ये चाहती है तो होना चाहिए. मैं तो बार-बार कह रहा हूं कि राजस्थान की जनता और युवा चाहती है कि सचिन पायलट अगर कांग्रेस का चेहरा होते तो सरकार दोबारा बन सकती है.
यहां चर्चा कर दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट में शीत युद्ध जारी है. विधानसभा चुनाव के पहले ये शीत युद्ध कांग्रेस के लिए सिर का दर्द बन सकता है. पिछले दिनों सचिन पायलट ने बिना नाम लिए कई सभाओं में सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा. इससे पहले सीएम गहलोत खुले तौर पर सचिन पायलट पर हमला कर चुके हैं.
अगर सचिन पायलट को नेतृत्व देते हैं तो 100% सत्ता रिपीट होती है। जनता अगर ये चाहती है तो होना चाहिए। मैं तो बार-बार कह रहा हूं कि राजस्थान की जनता और युवा चाहती है कि सचिन पायलट अगर कांग्रेस का चेहरा होते तो सरकार दोबारा बन सकती है: कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, जयपुर pic.twitter.com/RoermMhsPg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 16, 2023
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ दिन पहले कह चुके हैं कि हमने जब 1998 में सरकार बनायी थी, तब हमारे पास 156 सीट थीं और उस समय मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था.. तो मैं चाहूंगा कि हम लोग मिशन 156 को लकर चलें. गहलोत ने अपने पूर्व उपमुख्य मंत्री सचिन पायलट पर निशाना साधा और कहा कि वर्ष 2018 में बनी सरकार का मुख्य कारण यह था कि लोग उनकी पुरानी सरकार के कामों को याद करते हैं.
वहीं राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर परोक्ष तौर पर कई बार निशाना साध चुके हैं. वे यह कह चुके हैं कि बुजुर्गों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए और युवाओं को न्याय व मौका मिलना चाहिए. पायलट ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी प्रशंसा करते हुए कहा था कि 2004 में उन्होंने पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल की जाने वाली अपेक्षाओं पर चर्चा करने के लिए उनके सहित 15-20 युवा नेताओं को बुलाया था. गहलोत पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए पायलट ने कहा था कि लोगों की परवरिश ऐसी होनी चाहिए कि वे दूसरों का सम्मान करें. पायलट कह चुके हैं कि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी.