राजस्थान: 11 जून की रैली में पायलट कर सकते हैं कुछ बड़ी घोषणा! शांति वार्ता के सफल होने पर अब भी सस्पेंस
जहां पायलट अपनी मांगों पर कांग्रेस नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, वहीं उन्हें राजस्थान कांग्रेस से बाहर करने की खींचतान एक और कारण है जिसने इस सप्ताह की शुरुआत में आयोजित शांति वार्ता को तोड़ते हुए गुटबाजी को तेज कर दिया है.
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल की जांच पर जोर देने से उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा शुरू हो गई है, कांग्रेस अपने राजस्थान के गुटों के बीच नए आयामों के साथ नए सिरे से तकरार की चपेट में है. सूत्रों ने कहा कि जहां पायलट अपनी मांगों पर कांग्रेस नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, वहीं उन्हें राजस्थान कांग्रेस से बाहर करने की खींचतान एक और कारण है जिसने इस सप्ताह की शुरुआत में आयोजित शांति वार्ता को तोड़ते हुए गुटबाजी को तेज कर दिया है.
पायलट समर्थकों ने संकेत दिया है कि उनके नेता राज्य में रहने पर अडिग हैं
इधर गवर्निंग गुट की ओर से एक झटका दिए जाने की सूचना है कि पायलट को एआईसीसी फेरबदल में एक समिति या एक पदाधिकारी के रूप में समायोजित किया जाए, जो यह संकेत देगा कि वह राजस्थान की सत्ता की राजनीति से बाहर है. लेकिन पायलट समर्थकों ने संकेत दिया है कि उनके नेता राज्य में रहने पर अडिग हैं, यह कहते हुए कि इससे कांग्रेस को भी मदद मिलेगी.
“कठोर कार्रवाई” के साथ सामंजस्य
ताजा टकराव को नेतृत्व के माइंड गेम के रूप में देखा जा रहा है, जो पीछे हटने को तैयार नहीं है और पायलट जो बहुत दूर चला गया लगता है. कांग्रेस पायलट द्वारा एक “कठोर कार्रवाई” के साथ सामंजस्य स्थापित करती दिखाई देती है, और एआईसीसी प्रवक्ता जयराम रमेश के पहले के तनाव कि “पार्टी सर्वोच्च है”, केवल यह बताती है कि पार्टी के शीर्ष नेता हिलने के लिए तैयार नहीं हैं
बैठक केबाद कांग्रेस आलाकमान से नहीं हुई पायलट की बात- सूत्र
सूत्रों से यह पता चला है कि सोमवार को बैठक के बाद पायलट और कांग्रेस नेतृत्व के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है, जब यह घोषणा की गई थी कि सीएम अशोक गहलोत और पायलट आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एकजुट होकर काम करने पर सहमत हुए हैं. जाहिर तौर पर यह योजना अटक गई, क्योंकि पार्टी या इसके रोडमैप में भविष्य की सत्ता-साझाकरण के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में एकता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया. पायलट भविष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य इकाई में बेहतर आवास की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें गहलोत के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
पायलट के 11 जून कर कार्यक्रम पर सबकी नजर
ताज़ा हंगामे के बीच, 11 जून कर कार्यक्रम पर सबकी नजर रहेगी. जहां पायलट ने अपने दिवंगत पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि को चिह्नित करने के लिए एक बड़ी रैली निर्धारित की है. इसे उनकी भविष्य की योजनाओं जैसे स्वतंत्र होने या एक नया आंदोलन शुरू करने की घोषणा करने के लिए नियोजित मंच कहा जा रहा है. पायलट समर्थक राहुल से आखिरी मिनट के हस्तक्षेप पर अपनी उम्मीदें लगा रहे हैं.
Also Read: राजस्थान में चुनाव से पहले बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 7 IAS और 30 IPS अधिकारियों का हुआ तबादला