Safety in School: महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूली छात्रों से यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहा है. इस घटना को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी पर तय दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है. राज्यों को लिखे पत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि केंद्र सरकार स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2017 के आदेश काे देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल सेफ्टी एंड सिक्योरिटी-2021 दिशा निर्देश पॉक्सो के आधार पर तैयार किया. इस दिशा निर्देश के तहत बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन की तय की गयी है. साथ ही दिशा निर्देश में स्वच्छ माहौल में शिक्षा मुहैया कराने के लिए बच्चों को जागरूक करने, विभिन्न हितधारकों की जिम्मेदारी तय करने, घटना की जानकारी देने के लिए तय मानक, कानूनी प्रावधान और सुरक्षित माहौल के लिए सहायता और काउंसलिंग की व्यवस्था करने को कहा गया है. पत्र में कहा गया है कि इन दिशा निर्देशों का पालन समग्र और सकारात्मक माहौल में शिक्षा मुहैया कराने के लिए जरूरी है.
दिशा निर्देश का क्या है मकसद
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस दिशा निर्देश का पालन करने का सुझाव दिया गया. यह राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं है और अगर राज्य चाहें तो इसमें कुछ बदलाव कर सकते हैं. बदलावों की अधिसूचना जारी करनी होगी. दिशा निर्देश का मकसद स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराना है. साथ ही विभिन्न हितधारकों को बच्चों की सुरक्षा के जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी मुहैया कराना है ताकि वे इन दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन कराने में योगदान दे सकें. जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होने से स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित माहौल मिल सके. बच्चों के समग्र विकास के लिए स्कूलों में सुरक्षा की भावना का होना बेहद जरूरी है. ऐसे में स्कूलों में सुरक्षित माहौल के लिए जीरो-टॉलरेंस नीति पर अमल होना चाहिए.