बच्चों के लिए वैक्सीन की मात्रा और सुरक्षा के आंकड़े उपलब्ध होने के बाद ही उन्हें वैक्सीन लगाया जायेगा. बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है उससे हम किनारा नहीं कर सकते. देश में कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोकना है. उक्त बातें एम्स के डॉ नवीत विग ने कही जो एम्स में मेडिसिन डिपार्टमेंट के एचओडी और कोविड-19 टास्क फोर्स के चेयरपर्सन हैं.
डाॅ विग ने कहा कि हमें देश में संक्रमण की दर को कम करके रखना है और इस वायरस के खिलाफ जंग के लिए अलग-अलग रणनीतियां बनानी होगी. इस वायरस के साथ किसी एक फार्मूले के तहत जंग नहीं जीती जा सकती है. कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जीतने के लिए हमें लोगों का समर्थन चाहिए. साथ ही जागरूकता और शिक्षा की भी जरूरत है.
गौरतलब है कि देश में कोवैक्सीन को यह इजाजत दे दी गयी है कि वो 2-18 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्राॅयल शुरू करे. चूंकि देश पर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा है और विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि तीसरी लहर में बच्चे सर्वाधिक प्रभावित होंगे.
यही वजह है कि सरकार तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां कर रही है. उसी रणनीति के तहत बच्चों के लिए वैक्सीन के ट्राॅयल को मंजूरी दी गयी. सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से यह पूछा था कि वह तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रही है.
Also Read: Coronavirus India LIVE Updates : बिहार में 50 के आसपास ब्लैक फंगस के मरीज, पीएम मोदी की मीटिंग पर भड़कीं ममता बनर्जी, कहा-हमें बोलने नहीं दिया गयाबच्चों के वैक्सीन के क्लिनिकल ट्राॅयल पर सवाल उठाये जा रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में इसे रोकने के लिए याचिका भी दाखिल की गयी है. सबका सवाल यह है कि आखिर बच्चों को खतरे में डालकर कैसे ट्राॅयल को अनुमति दी गयी.
Posted By : Rajneesh Anand