Sambhal News: माता पार्वती की खंडित मूर्ति, 500 साल पुराना कुआं…संभल में खुदाई से क्या-क्या मिला?

Sambhal News: उत्तर प्रदेश का संभल पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है. पहले जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर विवाद हुआ, अब एक और मंदिर की खोज हुई है, जो 46 साल से बंद था. मंदिर परिसर की खुदाई की जा रही है, जिसमें कई ऐतिहासिक चीजें मिली हैं.

By ArbindKumar Mishra | December 16, 2024 4:16 PM
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Sambhal News: संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया, “मंदिर के पास एक ‘कूप’ (कुआं) मिला है. इसे 400-500 साल पुराना बताया जा रहा है. रविवार को करीब 10-12 फीट खुदाई की गई थी. आज 5-6 फीट और खुदाई करने पर माता पार्वती की एक खंडित मूर्ति मिली. उसके बाद दो और मूर्तियां मिलीं हैं. यहां बहुत सारे कुएं हैं जो अज्ञानता या अतिक्रमण के कारण दब गए हैं. हमने वैज्ञानिक जांच के लिए एएसआई को लिखा है. हमारी टीम पिछले 2 हफ्तों से खुदाई कर रही है और एक-एक करके चीजें बरामद हो रही हैं. मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि अगर उन्हें कोई प्राचीन धरोहर मिले तो हमें सूचित करें.”

संभल खुदाई पर क्या बोले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

संभल मामले में हाल ही में हुए घटनाक्रम पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, “संभल में जिला प्रशासन ने एक मंदिर की खोज की है जो 46 वर्षों से बंद था. यह सब साबित करता है कि हमारा प्राचीन नक्शा, जिसके बारे में मैंने हमेशा कहा था कि वह मौजूद है, खोजा गया है और यह साबित करता है कि संभल एक तीर्थ स्थल है. मंदिर के आसपास के क्षेत्र में कई कुएं और अन्य मंदिर पाए जा रहे हैं जो क्षेत्र के प्राचीन नक्शे को साबित करते हैं.

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विष्णु शंकर ने क्या कहा?

12 दिसंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विष्णु शंकर ने कहा, कोर्ट का उस दिन का आदेश यहां लागू नहीं होता, क्योंकि इसमें कहा गया था कि मौजूदा मुकदमों में कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कोई नया मामला दर्ज नहीं किया जाएगा. मैं 12 दिसंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संतुष्ट नहीं हूं. हमने पूजा स्थल अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी, हमें उम्मीद थी कि इस पर सुनवाई होगी, लेकिन हमें पता चला कि AIMPLB ने पूजा स्थल अधिनियम को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी एक आवेदन दायर किया था. हमें नहीं पता था कि उनके आवेदन पर एक अंतरिम आदेश तुरंत पारित किया जाएगा.

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