बोले संबित पात्रा- पीएम मोदी के घर है ‘EVM’ मशीन, कांग्रेस की हार के लिए ‘RBM’ जिम्मेदार, समझाया पूरा मतलब
Sambit Patra On Kharge: बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर पलटवार किया है. पात्रा ने कहा है कि कांग्रेस ईवीएम के कारण नहीं बल्कि RBM के कारण हार रही है. उन्होंने इसका पूरा अर्थ भी समझाया है.
Sambit Patra On Kharge: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के ईवीएम पर दिये बयान पर बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के घर एक ईवीएम है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी एक मशीन की तरह काम करते हैं. इसमें E-का मतलब है एनर्जी, V- का मतलब है विकास और M- का अर्थ है मेहनत. पीएम मोदी इसी EVM के सहारे काम करते हैं.
कांग्रेस पर साधा निशाना
सांसद संबित पात्रा ने इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस चुनाव हार रही है, इसका कारण आरबीएम है. उन्होंने इसका अर्थ समझाते हुए कहा कि आरबीएम का अर्थ है. R- राहुल B- बेकार M- मैनेजमेंट. बता दें, हाल के महाराष्ट्र विधानसभा में चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है. बीजेपी यहां बंपर वोटों से चुनाव जीती है.
‘ईवीएम पीएम मोदी और अमित शाह के घर रख दिया जाए’- खरगे
बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम और कथित रूप से चुनाव में धांधली को लेकर कहा था कि ‘ईवीएम पीएम मोदी और अमित शाह के घर रहने दें. खरगे ने कहा कि हमें बैलेट पेपर के लिए एक अभियान शुरू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी दलों को मिलकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर बैलेट पेपर से चुनाव के लिए एक यात्रा निकालनी चाहिए.
ईवीएम पर कांग्रेस समेत कई दल उठा रहे हैं सवाल
बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस एक बार फिर ईवीएम पर मुखर हो गई है. खरगे समेत कई नेताओं ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. चुनावी नतीजों के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी ईवीएम पर सवाल उठाये थे. इसी कड़ी में एनसीपी (शरद पवार) के नेताओं ने भी महाराष्ट्र चुनाव में मिली का ठीकरा ईवीएम पर ही फोड़ा.
सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है ईवीएम का मामला
ईवीएम का मामला सुप्रीम कोर्ट भी जा चुका है. याचिकाकर्ता ने भारत के कई वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणी के साथ कोर्ट में दलील दी थी कि ईवीएम के इस्तेमाल को बंद कर चुनावों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल हो. उनका तर्क था कि ईवीएम पर सवाल उठ रहे हैं और इसमें छेड़खानी की संभावना रहती है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि जब जब राजनीतिक दल चुनाव जीत जाते हैं तो कोई सवाल नहीं उठता और जब हार जाते हैं तो EVM पर सवाल उठने लगते हैं.