समीर वानखेड़े के वकील ने कोर्ट में जमा किये जन्म और जाति प्रमाणपत्र, कहा-बहुत हुआ दाऊद, अब और नहीं…
नवाब मलिक का कहना है कि समीर वानखेड़े ने खुद को अनुसूचित जाति का बताया, जबकि उनका परिवार धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बन चुका है और ऐसे में उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता.
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता द्वारा मंत्री नवाब मलिक के आरोपों के खिलाफ दायर मानहानि के केस में उनके वकीलों ने आज बंबई हाईकोर्ट में कई दस्तावेज जमा किये, जिनमें समीर वानखेड़े का जन्म और जाति प्रमाणपत्र शामिल है.
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने यह आरोप लगाया है कि समीर वानखेड़े ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर यूपीएससी की परीक्षा पास की. नवाब मलिक का कहना है कि समीर वानखेड़े ने खुद को अनुसूचित जाति का बताया, जबकि उनका परिवार धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बन चुका है और ऐसे में उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता.
गुरुवार को नवाब मलिक ने अपने वकीलों के जरिये कोर्ट के सामने तीन दस्तावेज पेश किये जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के जन स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा समीर वानखेड़े के पिता के नाम परिवर्तन से संबंधित घोषणा की एक प्रति के साथ एक पत्र शामिल है. साथ ही सेंट जोसेफ हाई स्कूल और सेंट पॉल हाई स्कूल द्वारा जारी समीर वानखेड़े का स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र और सेंट जोसेफ हाई स्कूल में प्रवेश का फाॅर्म भी शामिल है.
वहीं समीर वानखेड़े का पक्ष रखने वाले वकीलों ने भी कोर्ट के सामने दो दस्तावेज पेश किये, जिसमें से एक बीएमसी द्वारा जारी जन्मप्रमाण पत्र और दूसरा समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े का जाति प्रमाण पत्र है. समीर वानखेड़े के वकील ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए कहा है कि आप कुछ भी बुला सकते हैं लेकिन दाऊद नहीं.
गौरतलब है कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर नवाब मलिक ने आरोपों की झड़ी तब से लगाना शुरू किया है जब उनके दामाद की गिरफ्तारी ड्रग्स मामले में हुई थी. वे अभी जमानत पर हैं. आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े कीजाति को लेकर जोरदार हमले किये हैं और कहा कि वे मुसलमान हैं और उन्होंने गलत तरीके से नौकरी पाने के लिए अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया है. इस संबंध में कोर्ट 22 नवंबर को अपना फैसला सुनायेगा और अब कोर्ट किसी भी दस्तावेज को स्वीकार नहीं करेगा.
Posted By : Rajneesh Anand