Sangam Vihar: पूर्वांचली मतदाताओं का रुख हार-जीत में निभाएगा अहम भूमिका
पिछले तीन चुनाव से इस सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है. संगम विहार का क्षेत्र काफी बड़ा है और यह कई ब्लॉक में बंटा हुआ है. इस क्षेत्र में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है और यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है.
Sangam Vihar: दिल्ली में पूर्वांचली मतदाता लगभग दो दर्जन सीटों पर हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसी ही एक विधानसभा सीट है संगम विहार. अवैध कॉलोनी वाली संगम विहार में पानी की समस्या, सड़क, सीवेज, ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है. पिछले तीन चुनाव से इस सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है. संगम विहार का क्षेत्र काफी बड़ा है और यह कई ब्लॉक में बंटा हुआ है. इस क्षेत्र में पूर्वांचली मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है और यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है.
परिसीमन के बाद वर्ष 2008 में बनी इस सीट पर पहली बार भाजपा चुनाव जीतने में कामयाब रही. भाजपा के तब के विधायक शिवचरण गुप्ता इलाके में मौजूद प्रमुख अस्पताल बत्रा हॉस्पिटल से जुड़े थे. वे इस इलाके में लोगों का मुफ्त इलाज करने के कारण काफी लोकप्रिय थे. वर्ष 2008 के चुनाव में गुप्ता के खिलाफ कांग्रेस ने आईपीएस अधिकारी रहे आमोद कंठ को मैदान में उतारा, लेकिन वे गुप्ता से चुनाव हार गए. उसके बाद दिल्ली में आम आदमी पार्टी के उभार के बाद इस सीट पर आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया ने गुप्ता को काफी कम मतों से चुनाव हरा दिया.
लेकिन इसके बाद वर्ष 2015 और वर्ष 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया बड़े अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. इस बार फिर से आम आदमी पार्टी ने दिनेश मोहनिया को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस की ओर से हर्ष चौधरी और भाजपा की ओर से चंदन चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. आप उम्मीदवार दिनेश मोहनिया का विवादों से नाता रहा है. पार्टी के अंदर भी मोहनिया को लेकर नाराजगी की खबरें सामने आती रही है.
बुनियादी सुविधाओं की कमी है प्रमुख मुद्दा
संगम विहार में पानी की सबसे बड़ी समस्या है. स्थानीय निवासी राम प्रकाश का कहना है कि इलाके में पानी की आपूर्ति नहीं होती है. कई हफ्तों तक पानी नहीं आता है और लोगों को जरूरी काम के लिए पानी स्टोर करना होता है. इलाके के लोग पानी के लिए टैंकर पर निर्भर है और पानी हासिल करने के लिए पैसा देना पड़ता है. इसके अलावा गली की सड़कें काफी खराब है और साफ-सफाई बड़ी समस्या है. स्थानीय विधायक शिकायत करने पर भी ध्यान नहीं देते हैं. वहीं सब्जी बेचने वाले श्याम शरण का कहना है कि पानी, जाम और साफ-सफाई समस्या है. स्थानीय विधायक ने समस्या को दूर करने का काम किया है, लेकिन अभी भी काफी समस्या है और उन्हें उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ही इन समस्याओं का समाधान कर सकती है.
मुफ्त बिजली और महिलाओं को बस में मुफ्त सफर की सुविधा से महंगाई के इस दौर में राहत मिल रही है.
श्यामाचरण कहते हैं, आम आदमी पार्टी की सरकार गरीबों के लिए काम करती है और इसी पार्टी की सरकार बननी चाहिए. लेकिन कई स्थानीय निवासी आम आदमी पार्टी की सरकार के कामकाज से खुश नहीं है और वे अब बदलाव चाहते हैं. हर पार्टी पूर्वांचली मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं. वैसे अधिकांश मतदाता आप सरकार से अधिक मौजूदा विधायक दिनेश मोहनिया की कार्यशैली से नाखुश दिखते हैं. इस सीट पर एक बार भाजपा गठबंधन के सहयोगी के तौर पर जदयू चुनाव लड़ चुकी है.