नयी दिल्ली : राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता संजय झा को पार्टी से निलंबित कर दिया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि ऐसा उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों और पार्टी अनुशासन तोड़ने के कारण किया गया है. दरअसल झा ने सचिन पायलट के पक्ष में पार्टी को सलाह दी थी कि उन्हें अशोक गहलोत की जगह राजस्थान का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाला साहब थोराट ने संजय झा के निलंबन को लेकर आदेश जारी किया. उन्होंने लिखा, संजय झा को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासन तोड़ने के लिए तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया है.
राजस्थान में जारी मौजूदा कलह को लेकर संजय झा ने पार्टी को सुझाव दिया था कि सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. उन्होंने 14 जुलाई को सुबह में सचिन के समर्थन में ट्वीट भी किया था और लिखा था, राजस्थान के सियासी संकट का सरल हल यही है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाए और अशोक गहलोत को, जो पहले ही तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उन्हें वरिष्ठ संगठनात्मक भूमिका दिया जाना चाहिए. जिसमें वो कमजोर राज्यों की समीक्षा करें. उन्होंने आगे लिखा, एक नया नेता भी आरपीसीसी के तौर पर चुना जाना चाहिए. जहां चाह वहीं राह.
Sanjay Jha has been suspended from Congress party with immediate effect "for anti-party activities and breach of discipline." pic.twitter.com/ZLIkHvyn0A
— ANI (@ANI) July 14, 2020
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, पांच साल तक सचिन पायलट ने 2013-18 के बीच कांग्रेस पार्टी के लिए अपना खून, आंसू, परिश्रम और पसीना बहाया. कांग्रेस 21 सीटों पर 100 सीटों पर आयी. हमने उन्हें केवल प्रदर्शन का बोनस दिया. हम इतने गुणी हैं. हम इतने पारदर्शी हैं.
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संजय झा को जून में पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटाया गया था. दरअसल संजय झा ने पिछले दिनों एक लेख के माध्यम से पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है.
कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के विरूद्ध सख्त कदम उठाते हुए उन्हें मंगलवार को उप मुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया. इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया.
इस घटनाक्रम के बाद फिलहाल कांग्रेस सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नजर आ रहा है और इस बात की संभावना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करें. दूसरी तरफ, दोनों प्रमुख पदों से हटाए जाने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पायलट आगे क्या कदम उठाते हैं. कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद पायलट ने अपने पहले बयान में कहा कि ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता.’ पायलट के खिलाफ कार्रवाई के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नयी दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मंत्रणा की. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पायलट को मनाने का प्रयास किया, लेकिन विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की कई.
Posted By – Arbind kumar mishra