तिरंगे के अपमान का आरोपी तो गिरफ्तार नहीं हुआ, किसानों को सरकार ने जेल में डाल दिया, संजय राउत ने राज्यसभा में की टिप्पणी
राज्यसभा (Rajya Sabha ) में राष्ट्रपति के अभिभाषण (president address) पर चर्चा जारी है. आज सुबह विपक्ष ने कृषि कानूनों (Farm laws) को लेकर सरकार को घेरा और अविलंब इन कानूनों को वापस लेने की मांग की. शिव सेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लाल किला पर तिरंगे का अपमान हुआ, इसमें आरोपी दीप सिद्धू (Deep Sidhu) तो गिरफ्तार नहीं हुआ लेकिन किसान गिरफ्तार कर लिये गये हैं.
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा जारी है. आज सुबह विपक्ष ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार को घेरा और अविलंब इन कानूनों को वापस लेने की मांग की. शिव सेना सांसद संजय राउत ने सरकार को घेरते हुए कहा कि लाल किला पर तिरंगे का अपमान हुआ, इसमें आरोपी दीप सिद्धू तो गिरफ्तार नहीं हुआ लेकिन किसान गिरफ्तार कर लिये गये हैं.
शिवसेना नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है और किसानों के लिए खालिस्तानी, आतंकवादी जैसे शब्दों का उपयोग किया जा रहा है.राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में आगे हो रही चर्चा में भाग लेते हुए राउत ने आरोप लगाया कि सरकार अपने आलोचकों को बदनाम करने का प्रयास करती है और किसान आंदोलन के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है.
शिवसेना सदस्य ने आरोप लगाया कि सरकार सवाल पूछने वाले को देशद्रोही बताने लगती है.उन्होंने कहा कि लोकसभा सदस्य शशि थरूर सहित कई लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है.राउत ने 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुयी घटना और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का जिक्र करते कहा वह दुखद घटना है, लेकिन इस मामले में असली आरोपियों को नहीं पकड़ा गया है और निर्दोष किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए खाई खोद रही है और पानी, खाना, शौचालय जैसी सुविधाएं बंद कर रही है जो मानवाधिकार हनन है.उन्होंने कहा कि सरकार किसानों पर नए कृषि कानून नहीं थोप सकती.मिश्र ने कहा कि सरकार नए कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने की बात कर रही है.
ऐसे में उसे अपनी जिद छोड़कर इन कानूनों को वापस ले लेना चाहिए.उन्होंने कहा कि नए कानूनों में कई खामियां हैं जिनसे किसानों को भय है कि उनकी जमीन चली जाएगी.उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ठेकेदारी के नाम पर जमींदारी व्यवस्था को वापस लाना चाहती है.
Posted By : Rajneesh Anand