मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को फिर से खोले जाने को हिंदुत्व की विजय के रूप में देखना गलत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए धार्मिक स्थलों को बंद करने का फैसला लिया था और उन्होंने ही धार्मिक स्थलों को दोबारा खोले जाने का फैसला किया है, इसे हिंदुत्व से जोड़े जाने का कोई तुक नहीं है और ना ही इसकी कोई जरूरत है. यह मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा है इसका हिंदुत्व से कोई संबंध नहीं.
संजय राउत ने मीडिया से यह बात तब कही जब उनसे यह पूछा गया कि कि क्या भाजपा विधायक राम कदम का यह कहना सही है कि उद्धव ठाकरे की सरकार ने विपक्षी दलों के दबाव में मंदिरों को खोलने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि शनिवार को उद्धव ठाकरे की सरकार ने यह कंफर्म किया था कि महाराष्ट्र में सभी पूजा स्थल सोमवार से खोल दिये जायेंगे, लेकिन वहां कोरोना से बचाव के लिए हर सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा. कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि यह सही समय है कि धार्मिक स्थलों को खोला जाये. धार्मिक स्थलों में फेस मास्क और सेनेटाइजर का प्रयोग जरूरी है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जून महीने में जारी अनलॉक 1 की गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे दी थी लेकिन अंतिम निर्णय का अधिकार राज्य सरकारों को दिया था. काफी दिनों से प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग उठ रही थी, लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे ने यही कहा कि सुरक्षा उपायों के कारण उन्होंने मंदिरों को नहीं खोलने का निर्णय लिया था. महाराष्ट्र में अकेले लगभग 18 लाख कोरोना के केस सामने आये और 46 हजार से अधिक मौत हुए.
Posted By : Rajneesh Anand