लोकसभा में विभिन्न विषयों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सोमवार को कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी. कुछ इसी तरह की गतिविधि राज्यसभा में भी देखने को मिली. विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से सोमवार को राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर कई विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. विपक्षी सदस्य महंगाई पर चर्चा की मांग के साथ शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत की गिरफ्तारी का भी विरोध कर रहे थे.
लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराये. इस दौरान विपक्ष के सदस्य नारेबाजी करने लगे और कुछ सदस्यों को आसन के समीप भी देखा गया. पीठासीन सभापति अग्रवाल ने कहा कि सदस्य अपने स्थान पर जाएं तो उन्हें उनकी बात रखने का अवसर दिया जाएगा. उन्होंने आज की कार्यसूची में ‘महंगाई’ के विषय पर सूचीबद्ध चर्चा का भी उल्लेख किया. हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने कार्यवाही दोपहर 12 बजकर करीब 5 मिनट पर दो बजे तक स्थगित कर दी. इससे पहले सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन का उल्लेख किया और पूरे सदन ने मेजें थपथपाकर भारतीय पदक विजेताओं की सराहना की.
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इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जब प्रश्नकाल आरंभ करवाया तो कुछ विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे. वे कांग्रेस के चार सदस्यों के निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे थे. उन्होंने ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाये. लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के दौरान तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में गत 25 जुलाई को कांग्रेस के चार सदस्यों- मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, ज्योतिमणि और राम्या हरिदास को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था. सदन में नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘अध्यक्ष जी, आपकी अनुमति से आज महंगाई पर चर्चा कार्यसूची में है. ये लोग (विपक्षी सदस्य) सदन में चर्चा करना नहीं चाहते। ये सदन चलने दें.” लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से उनके स्थान पर बैठने और सदन चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.