सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज पूरा देश याद कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली से विशेष संदेश देकर उन्हें याद किया, तो गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात में स्टैचू ऑफ यूनिटी पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि देते हुए अपनी बात रखी.
राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए कहा, सरदार पटेल जी सिर्फ इतिहास में ही नहीं, बल्कि हम देश वासियों के हृदय में भी हैं.आजाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आजादी के इस अमृतकाल में होने वाला है.आजादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है.
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ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है.सरदार साहब हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे. इसलिए, उनके ‘एक भारत’ का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो. आज से कई दशक पहले, उस दौर में भी, उनके आंदोलनों की ताकत ये होती थी कि उनमें महिला-पुरुष, हर वर्ग, हर पंथ की सामूहिक ऊर्जा लगती थी.आज जब हम एक भारत की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए? एकऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से अवसर हों.
राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, आज जो परंपरा हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शुरू की है, देश के प्रथम गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्म दिन को राष्ट्रीय एकता दिन के रूप में मनाने की परंपरा को आज हम आगे बढ़ा रहे हैं.
केवड़िया किसी जगह का नाम नहीं है, ये तीर्थ स्थान बन गया है. राष्ट्र की एकता का तीर्थ स्थान, देश भक्ति का तीर्थ स्थल और आज ये आसमान को छूने वाली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पूरी दुनिया को संदेश दे रही है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है.
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अमित शाह ने इस मौके पर हरिवंश राय बच्चन की एक कविता का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा, हरिवंश राय बच्चन जी ने सरदार साहब के लिए एक कविता लिखी थी- पटेल देश का निगहबान हैं, पटेल देश की निडर जबान हैं.किसी भी बात को बेबाक तरीके से रखने में जरा भी झिझकते नहीं थें, इसलिए आज जब भारत माता अखंड स्वरूप देख रहे हैं वो केवल और केवल सरदार जी के कर्म का ही नतीजा है.