सावधान..! अगर फर्जी निकला प्रमाण पत्र तो हो जाएंगे सरकारी नौकरी से बर्खास्त, पूजा खेडकर विवाद के बाद केंद्र हुआ सख्त

Sarkari Naukri: पूजा खेडकर विवाद के बाद केंद्र सरकार सरकारी नौकरी को लेकर सख्त हो गया है. मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगर यह पाया जाता है कि किसी सरकारी कर्मचारी ने नियुक्ति पाने के लिए गलत प्रमाण पत्र पेश किया है तो उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा.

By Pritish Sahay | August 8, 2024 9:35 PM

Sarkari Naukri: पूजा खेडकर विवाद के बाद केंद्र सरकार सरकारी नौकरी को लेकर सख्त हो गया है. केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर नियुक्ति के बाद इसका पता चलेगा कि प्रमाण पत्र फर्जी है तो सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि समय-समय पर सरकारी मंत्रालयों और विभागों को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी मिलने की शिकायतें मिलती हैं. इन्हें आमतौर पर उचित कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों या विभागों के पास भेज दिया जाता है.

…तो चली जाएगी सरकारी नौकरी!
मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र के मौजूदा निर्देशों के मुताबिक अगर यह पाया जाता है कि किसी सरकारी कर्मचारी ने नियुक्ति पाने के लिए गलत जानकारी दी है या गलत प्रमाण पत्र पेश किया है, तो उसे सेवा में नहीं रखा जाना चाहिए. उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री ने बताया कि जब नियुक्ति प्राधिकारी को पता चलता है कि किसी कर्मचारी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश किया है, तो वह संबंधित सेवा नियमों के प्रावधानों के तहत ऐसे कर्मचारी को सेवा से हटाने या बर्खास्त करने के लिए कार्रवाई शुरू करता है.

धोखाधड़ी के कारण पूजा खेडकर की रद्द हुई उम्मीदवारी
इसी कड़ी में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने हाल ही में ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. यहीं नहीं फर्जी दस्तावेज के कारण उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं से वंचित कर दिया था. उन पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे का दुरुपयोग करने का भी आरोप है.

राज्यों की है प्रमाण पत्र सत्यापित करने की जिम्मेदारी- मंत्री जितेंद्र सिंह
मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जाति या समुदाय प्रमाण पत्र जारी करने और सत्यापित करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है. मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कई मौकों पर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है कि जिला अधिकारियों को भेजे गए जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जाए और ऐसे प्राधिकरण से अनुरोध प्राप्त होने के एक महीने के भीतर नियुक्ति प्राधिकारी को जानकारी दी जाए. भाषा इनपुट के साथ

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