नैनीताल : सांप कितना भी बड़ा, खतरनाक क्यों न हो, दानू उसे पलक झपकते काबू कर लेते हैं. पकड़े गए सांप को वह जंगल ले जाकर छोड़ देते हैं. अब तक वह हजारों सांप पकड़ चुके हैं. सांप पकड़ने के उनके हुनर से प्रभावित होकर वन विभाग ने उन्हें अपने यहां संविदा पर नौकरी भी दे दी है.
तल्लीताल निवासी 26 वर्ष के निमिष दानू ने अपने इस हुनर के बूते अलग ही पहचान बना ली है. वह जान की परवाह किए बिना सूचना मिलने पर सांप पकड़ने पहुंच जाते हैं. निमिष ने बताया कि बचपन में खेलते-खेलते उन्होंने एक सांप पकड़ लिया था. उसे पकड़ने में उन्हें बिल्कुल डर नहीं लगा. फिर तो यह सिलसिला हो गया. वह अक्सर घरों के आसपास सांप दिखने पर उन्हें पकड़कर जंगल में छोड़ देते.
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सांप पकड़ने का यही शौक अब उनका पेशा हो गया है. लोग उन्हें अब सांप पकड़ने के लिए बुलाने लगे. वर्ष 2013 में उन्हें इसी हुनर के बूते वन विभाग में नौकरी मिल गई. इसके बाद उन्होंने सांपों के बारे में जानकारी भी जुटाई. निमिष के अनुसार वह अब तक लगभग नौ हजार सांप पकड़ चुके हैं. उन्होंने बताया कि नैनीताल और आसपास गांव में जब भी सांप दिखने की सूचना पर वह फौरन उसे पकड़ने चल देते हैं.
वह बताते हैं कि उनके द्वारा पकड़े गए सांपों में बेहद जहरीले ब्राउन ट्रीनकेट, ग्रीन ट्रीनकेट, स्पेक्टिंकल कोबरा, किंग कोबरा, करैत के साथ ही पिट वाइपर, रॉक पिट वाइपर और ग्रीन पिट वाइपर जैसे सांप भी शामिल हैं. उनका सबसे रोमांचक अनुभव इस साल ज्योलीकोट क्षेत्र से ग्रीन पिट वाइपर पकड़ने के दौरान रहा.