Shiv Sena: उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई के लिए SC सहमत, जानें किसके हाथ में होगा शिवसेना का नेतृत्व

निर्वाचन आयोग की कार्यवाही के खिलाफ दाखिल की गई उद्धव ठाकरे समूह की याचिका पर एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने स्वयं को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता दिए जाने का अनुरोध किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2022 1:32 PM

उच्चतम न्यायालय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की याचिका पर निर्वाचन आयोग की कार्यवाही के खिलाफ दाखिल की गई उद्धव ठाकरे समूह की याचिका पर एक अगस्त को सुनवाई करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया. शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने स्वयं को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता दिए जाने का अनुरोध किया है.


सिब्बल ने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग 

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ से, उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि निर्वाचन आयोग के समक्ष चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की जरूरत है, क्योंकि इससे मामले में यहां सुनवाई प्रभावित होगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह लंबित याचिकाओं के साथ ही इस याचिका पर एक अगस्त को सुनवाई करेगी.

दोनों‍ गुटों को 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने का निर्देश

गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने हाल ही में शिवसेना के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को पार्टी और उसके चुनाव चिह्न (धनुष और बाण) पर अपने-अपने दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था. निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया था कि दोनों पक्षों को दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है, जिसमें पार्टी की विधायी तथा संगठनात्मक शाखा के समर्थन पत्र और प्रतिद्वंद्वी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं.

उद्धव ठाकरे ने बागी नेताओं पर बोला हमला

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते दिन पार्टी के बागी नेताओं की तुलना पेड़ के ‘सड़े हुए पत्तों’ से की थी उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद पता चल जाएगा कि लोग किसका समर्थन करते हैं. मुख्यमंत्री पद से पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साथ पहले साक्षात्कार में उद्धव ने कहा कि पार्टी के कुछ नेताओं पर अत्यधिक भरोसा करना उनकी गलती थी.

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विद्रोह के कारण गिरी उद्धव ठाकरे की सरकार

महाराष्ट्र में उद्धव के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के कारण गिर गई थी. शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस एमवीए के घटक दल हैं. शिंदे ने बाद में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने.

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