Supreme Court Collegium: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के सात न्यायाधीशों के स्थानांतरण की सिफारिश की. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के 7 न्यायाधीशों के ट्रांसफर की सिफारिश की है. हालांकि, प्रस्ताव में गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश निखिल एस कारियल का नाम शामिल नहीं है. निखिल एस कारियल के पटना हाईकोर्ट में प्रस्तावित स्थानांतरण का राज्य उच्च न्यायालय के वकीलों ने कड़ा विरोध किया था.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से जस्टिस बट्टू देवानंद और डी रमेश को क्रमश: मद्रास और इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. साथ ही तेलंगाना हाईकोर्ट की जस्टिस ललिता कन्नेगंती को कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई है. मई 2020, में नियुक्त होने के बाद जस्टिस कन्नेगंती को उनके मूल हाईकोर्ट आंध्र प्रदेश से पिछले साल नवंबर में ही तेलंगाना हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था. वहीं, तेलंगाना हाईकोर्ट के जस्टिस डी नागार्जुन और अभिषेक रेड्डी को भी क्रमशः मद्रास एवं पटना हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाईकोर्ट से जस्टिस वीएम के तबादले की सिफारिश की है.
वहीं, वेलुमणि और टी राजा को क्रमशः कलकत्ता और राजस्थान हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया जाएगा. इसी के साथ, जस्टिस राजा वर्तमान में मद्रास हाईकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं. उनके ट्रांसफर के लिए सरकार को या तो एक नया कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की आवश्यकता होगी. वहीं, ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित करने के लिए 28 सितंबर को कॉलेजियम की सिफारिश सरकार के पास लंबित है.
प्रस्तावित तबादले का विरोध करने वाले गुजरात बार के प्रतिनिधित्व के बाद कॉलेजियम ने गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस निखिल करियल के तबादले की सिफारिश नहीं की है. इंडियन एक्सप्रेस पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेजियम पटना हाईकोर्ट में जस्टिस करियल के स्थानांतरण पर विचार कर रहा था और उनकी राय के लिए गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरविंद कुमार को लिखा था. हालांकि, गुजरात हाईकोर्ट अधिवक्ता बार एसोसिएशन हड़ताल पर चला गया और सुप्रीम कोकॉलेजियम के सदस्यों के लिए एक प्रतिनिधित्व किया. 21 नवंबर को वकीलों के समूह ने अपनी हड़ताल का आह्वान करने से पहले सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और एमआर शाह से मुलाकात की थी.