Supreme Court: बिना आईडी प्रूफ या पहचान पत्र दिखाए 2000 रुपये के नोटों को बदलने के खिलाफ याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामले पर बात करते हुए याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि, बिना आईडी प्रूफ देखे नोट बदलने की वजह से भ्रष्ट और देश विरोधी तत्वों को काफी फायदा हो रहा है. वहीं, याचिका को ख़ारिज करते हुए चीफ जस्टिस ने बताया कि, रिजर्व बैंक का यह निर्णय एक नीतिगत मामला है और हम इसमें कोई दखल नहीं देंगे. जानकारी के लिए बता दें इससे पहले 29 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इसे नीतिगत मामला बताते हुए याचिका को ठुकरा दिया था.
Supreme Court declines to entertain a plea challenging RBI’s decision permitting citizens to exchange Rs 2000 banknotes, which are being pulled out of circulation, without any requisition slip and ID proof. pic.twitter.com/uNqYbCVQ0U
— ANI (@ANI) July 10, 2023
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी इस याचिका पर बात करते हुए बताया कि, 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम के 2000 रुपये के नोट भ्रष्टाचारियों, माफियाओं या देश विरोधी तत्वों के पास होने होने का अंदाजा है. ऐसे में अगर बिना आईडी प्रूफ देखे नोटों को बदले जाने की वजह से उन्हें काफी फायदा हो रहा है. आगे बताते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि, भारत में शायद ही आज ऐसा को परिवार हो जिसके पास बैंक अकाउंट न हो. ऐसे में 2000 रुपये के सभी नोट्स सीधे बैंक अकाउंट में जमा किया जाना चाहिए. अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में आगे लिखा कि, इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि व्यक्ति केवल अपने अकाउंट में पैसा जमा कर रहा हो किसी अन्य व्यक्ति के अकाउंट में नहीं.