दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चुनाव में मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के एलजी के फैसले को चुनौती देने वाली AAP की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, चीफ जस्टिस (CJI) ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि पहली बैठक में मेयर का चुनाव हो. इस चुनाव में मनोनीत सदस्य वोट न दें.
उन्होंने कहा कि मेयर की अध्यक्षता में डिप्टी मेयर और बाकी पदों के चुनाव हों. 24 घंटे की भीतर पहली बैठक के लिए नोटिस जारी हो. इससे पहले सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243R के हिसाब से मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते. चुनाव जल्द से जल्द होना बेहतर है. एमसीडी के वकील एडिशनल सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने कहा कि एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) वोट दे सकते हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को शुक्रवार को ‘लोकतंत्र की जीत’ करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि न्यायालय का आदेश यह साबित करता है कि उपराज्यपाल और भाजपा दोनों “अवैध और असंवैधानिक आदेश” पारित कर रहे थे.
केजरीवाल ने ट्वीट कहा की, ‘‘ उच्चतम न्यायालय का आदेश जनतंत्र की जीत है उच्चतम न्यायालय का बहुत बहुत शुक्रिया, ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा. ये साबित हो गया कि उपराज्यपाल और भाजपा मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं.’’
SC का आदेश जनतंत्र की जीत। SC का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा।
ये साबित हो गया कि LG और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 17, 2023