शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में SC ने स्पीकर की खिंचाई की, कहा- फैसले के लिए जल्द समय सीमा तय करें
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्पीकर राहुल नार्वेकर को एक सप्ताह के भीतर मामले को उनके सामने सूचीबद्ध करने और अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए एक समय निर्धारित करने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई करते हुए स्पीकर राहुल नार्वेकर को कड़ी फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, जल्द इस मामले में फैसला करने के लिए समय सीमा तय करें.
सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर मामले को सूचीबद्ध करने का दिया निर्देश
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले और उचित समयसीमा के भीतर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए अध्यक्ष को जारी निर्देश का उल्लेख किया. पीठ ने कहा कि अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का सम्मान करना होगा और उसके फैसले का पालन करना होगा. इसने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से अयोग्यता याचिकाओं के निपटारे के लिए अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की गई समय सीमा के बारे में सूचित करने को कहा. पीठ ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के प्रति सम्मान की उम्मीद करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना (यूबीटी) गुट की याचिका को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया
पीठ ने शिंदे और उनका समर्थन करने वाले शिवसेना के अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने के अनुरोध संबंधी शिवसेना (यूबीटी) गुट की याचिका को दो सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया. पीठ ने कहा कि अध्यक्ष संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत एक न्यायाधिकरण है और एक न्यायाधिकरण के रूप में, वह अदालत के अधिकार क्षेत्र के प्रति उत्तरदायी है. उसने कहा कि 11 मई के फैसले के बाद लंबित अयोग्यता याचिकाओं के बारे में कुछ नहीं किया गया है. पीठ ने कहा, अब हम निर्देश देते हैं कि कार्यवाही पूरी करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करते हुए अध्यक्ष द्वारा एक सप्ताह के भीतर प्रक्रियात्मक निर्देश जारी किए जाये. सॉलिसिटर जनरल अदालत को कार्यवाही के निपटारे के लिए निर्धारित समयसीमा के बारे में सूचित करेंगे.
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संजय राउत ने याचिकाओं पर निर्णय में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया
इस बीच, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र अध्यक्ष पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा शिंदे के खेमे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया. पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने आरोप लगाया कि यह निष्क्रियता दिखाती है कि नार्वेकर असंवैधानिक सरकार का समर्थन कर रहे हैं.
उद्धव ठाकरे की याचिका में क्या है?
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे गुट ने जुलाई में सुप्रीम का रुख किया था और राज्य विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर समयबद्ध तरीके से शीघ्र फैसला करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में 2022 में शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करने वाले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) विधायक सुनील प्रभु की याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद अध्यक्ष राहुल नार्वेकर जानबूझकर फैसले में देरी कर रहे हैं.