ED-CBI दुरुपयोग मामले में 14 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, याचिका पर सुनवाई से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली याचिका पर कहा, किसी खास मामले के तथ्यों के बिना आम दिशा-निर्देश तय करना संभव नहीं है.
केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली 14 दलों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. SC ने इस मामले में सुनवाई से इनकार करते हुए विपक्षी दलों को कड़ी पटकार भी लगायी.
नेताओं के लिए अलग नियम कैसे हो सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली याचिका पर कहा, किसी खास मामले के तथ्यों के बिना आम दिशा-निर्देश तय करना संभव नहीं है. विपक्षी दलों को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब आपके पास कोई व्यक्तिगत आपराधिक मामला हो या कई मामले हों तो हमारे पास वापस आएं.
सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद विपक्षी दलों ने याचिका वापस ली
सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली याचिका वापस ले ली है. SC ने याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी है.
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Supreme Court refuses to entertain a plea filed by 14 opposition parties, led by the Congress, alleging “arbitrary use” of central probe agencies like Central Bureau of Investigation (CBI) and the Enforcement Directorate (ED) against opposition leaders and seeking a fresh set of… pic.twitter.com/0DfvhhYxjN
— ANI (@ANI) April 5, 2023
कांग्रेस की अगुआई में 14 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था
गौरतलब है कि कांग्रेस की अगुआई में 14 विपक्षी दलों ने केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. विपक्षी दलों ने अपनी याचिका में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाया था. विपक्षी दलों ने भविष्य के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी. याचिका दायर करने वाली पार्टियों में कांग्रेस के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम, राष्ट्रीय जनता दल, भारत राष्ट्र समिति, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल (यूनाइटेड), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल थे.