Delhi: क्या रिहा करने से पहले सरकार ने अपना दिमाग लगाया? बिलकिस के बलात्कारियों की रिहाई पर SC की फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "सवाल यह है कि क्या सरकार ने अपना दिमाग लगाया और छूट देने के अपने फैसले के आधार पर क्या सामग्री बनाई," आज यह बिलकिस है, लेकिन कल यह कोई भी हो सकता है. आरोपियों को छोड़ने से पहले क्या रिहा करने से पहले सरकार ने अपना दिमाग लगाया?

By Abhishek Anand | April 18, 2023 7:38 PM

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को उनकी कैद की अवधि के दौरान दी गई पैरोल पर सवाल उठाया और कहा कि अपराध की गंभीरता पर राज्य द्वारा विचार किया जा सकता था. इसमें कहा गया है, “एक गर्भवती महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और कई लोग मारे गए, आप पीड़ित के मामले की तुलना मानक धारा 302 (हत्या) के मामलों से नहीं कर सकते. जैसे आप सेब की तुलना संतरे से नहीं कर सकते, उसी तरह नरसंहार की तुलना एकल हत्या से नहीं की जा सकती. अपराध हैं आम तौर पर समाज और समुदाय के खिलाफ प्रतिबद्ध है.

आरोपियों को छोड़ने से पहले क्या सरकार ने अपना दिमाग लगाया- SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “सवाल यह है कि क्या सरकार ने अपना दिमाग लगाया और छूट देने के अपने फैसले के आधार पर क्या सामग्री बनाई,” आज यह बिलकिस है, लेकिन कल यह कोई भी हो सकता है. यह आप या मैं हो सकते हैं. यदि आप छूट देने के अपने कारण नहीं बताते हैं, तो हम अपने निष्कर्ष निकालें.

केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश 

पीठ ने बिलकिस बानो मामले में दोषियों को राहत देने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दो मई को अंतिम निस्तारण के लिए पोस्ट कर दिया और उन सभी दोषियों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा जिन्हें नोटिस नहीं दिया गया है. इसने केंद्र और राज्य से समीक्षा याचिका दाखिल करने के बारे में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा.

पिछले साल 15 अगस्त को रिहा हुए थे 11 आरोपी 

बताएं की 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिल्किस बानो के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या को एक “भयानक” कृत्य करार देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा था कि क्या हत्या के अन्य मामलों में समान मानकों का पालन किया गया था? मामले में 11 दोषियों को छूट देते हुए आवेदन किया था. इसने बिल्किस बानो द्वारा दायर याचिका पर केंद्र, गुजरात सरकार और अन्य से जवाब मांगा था, जिसके साथ 2002 के गोधरा दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. बानो ने मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती दी है. सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने छूट दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया था.

2002 के दंगों के दौरान 21 की गर्भवती बिलकिस के साथ हुआ था बलात्कार 

आपको बताएं कि, 2002 के गुजरात दंगों के वक्त बिलकिस बानो 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी, जब गोधरा ट्रेन जलाने की घटना के बाद भड़के दंगों से भागते समय उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. मारे गए परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.

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