‘डार्क नेट पर बेची जा रही 1 लाख से अधिक भारतीयों के आधार, पैन और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी’
साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देने वाली कंपनी साइबल ने बुधवार को यह दावा किया है कि डार्क नेट पर एक लाख से अधिक भारतीयों के आधार, पैन और पासपोर्ट समेत अन्य राष्ट्रीय पहचान पत्रों की स्कैन कॉपी बेची जा रही है
नयी दिल्ली : साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देने वाली कंपनी साइबल ने बुधवार को यह दावा किया है कि डार्क नेट पर एक लाख से अधिक भारतीयों के आधार, पैन और पासपोर्ट समेत अन्य राष्ट्रीय पहचान पत्रों की स्कैन कॉपी बेची जा रही है. ‘डार्क नेट’ इंटरनेट का वह हिस्सा होता है, जो सामान्य सर्च इंजन की पहुंच से दूर होता है. इसका इस्तेमाल करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है. आमतौर पर इसका इस्तेमाल तस्करी, आंतकवाद और अन्य अवैध कामों के लिए इस नेट का उपयोग किया जाता है. कई बार संवेदनशील जानकारियां साझा करने के लिए भी इसका प्रयोग होता है.
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साइबल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह डाटा सरकारी प्रणाली के बजाय किसी तीसरे पक्ष से चोरी होने की आशंका है. साइबल ने कहा कि हम एक ऐसे डार्कनेट यूजर्स के संपर्क में आए हैं, जो एक लाख से अधिक भारतीयों के राष्ट्रीय पहचान से जुड़े दस्तावेजों की बिक्री कर रहा है.
इस यूजर्स की कोई साख नहीं है और आम तौर पर हम ऐसे प्रस्तावों को दरकिनार कर देते हैं, लेकिन उसके द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी से हमें उत्सुकता हुई. उसने भारत के अलग-अलग हिस्सों के एक लाख से अधिक लोगों के पहचान दस्तावेजों तक कथित पहुंच का दावा किया है.
साइबल के रिसर्चर्स ने उस यूजर से करीब 1,000 पहचान दस्तावेज हासिल कर उनके भारतीय होने की पुष्टि की है. यह सभी दस्तावेज स्कैन कॉपी के रूप में हैं. इनके किसी कंपनी के ‘अपने ग्राहक को जानो’ डेटाबेस से चोरी होने की संभावना है.
Posted By : Vishwat Sen