टीम इंडिया के पूर्व खब्बू बल्लेबाज और भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली की जनता के लिए 1 रुपये में भोजन खिलाने के लिए एक आशा जन रसोई खोला है. जिसका आज एक महीना पूरा हो गया. इस मौके पर उन्होंने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार बड़ा हमला बोला.
गंभीर ने जन रसोई के एक माह पूरे होने के मौके पर कहा, जब हमने रसोई खोली थी तो बहुत लोगों ने सवाल पूछा था कि यह कितने दिनों तक चलेगी, आज 1 महीना पूरा हो गया है. भाजपा सांसद ने कहा, 600 लोगों को प्रतिदिन यहां खाना खिलाया जाता है. हम एक और रसोई खोल रहे हैं, जहां 400 लोग खाना खा सकेंगे.
गंभीर ने कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 100 जन रसोई, 100 अस्पताल, 100 स्कूल खोलने का वादा किया था. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, केजरीवाल स्कूल और कॉलेज तो दूर की बात है 100 जन रसोई भी नहीं खोल पाए.
उन्होंने कहा, मैं जनता के हजारों करोड़ रुपये अपने ऊपर खर्च तो नहीं कर सकता परन्तु रोज हजार लोगों को खाना जरूर खिला सकते हैं.
Delhi: 'EK Asha Jan Rasoi' completes one month of operations
"It's a fortunate occasion we've been able to complete a month. The Rasoi feeds 600 people a day, 6 days a week. We'll inaugurate another one which will feed around 400 people daily," says BJP MP Gautam Gambhir https://t.co/COsty4dhyV pic.twitter.com/Kvdpp9vMBc
— ANI (@ANI) January 24, 2021
जन रसोई में गंभीर ने खुद खाया खाना
जन रसोई में गौतम गंभीर ने खुद खाना खाया. उनके साथ कई लोगों ने भी 1 रुपये में जन रसोई का खाना खाया.
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उद्घाटन के मौके पर क्या कहा था गंभीर ने ?
गौतम गंभीर ने पिछले साल 24 दिसंबर को जन रसोई की शुरुआत की थी. उस दिन उद्घाटन के मौके पर गंभीर ने कहा था कि पूर्वी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर पांच से छह और ऐसी रसोई खोली जाएंगी. अगली ‘जन रसोई’ मयूर विहार जिले में खोली जाएगी. उन्होंने कहा था कि जन रसोई’ में एक रुपये में जरूरतमंद लोगों को पौष्टिक, स्वच्छ भोजन की थाली एक रुपये में मिलेगी. हर दिन यहां करीब 500 लोगों के लिए खाना उपलब्ध होगा और लोग चाहें तो दूसरी बार भी खाना ले सकते हैं.
उन्होंने कहा था कि एक रुपये की राशि का इस्तेमाल रसोई में काम करनेवाले कर्मचारियों को वेतन देने के लिए किया जाएगा. गंभीर ने उस मौके पर कहा था, मुझे हमेशा लगता था कि जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति से परे सभी को अच्छे और स्वच्छ भोजन का अधिकार है. यह काफी दुखद है कि बेघर और बेसहारा लोगों को दिन में दो जून की रोटी भी नहीं मिल पाती.