दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नये वैरिएंट ओमिक्रोन ने पूरे विश्व को दहशत ला दिया है और एक बार फिर यह चर्चा आम हो चुकी है कि क्या देश में फिर से लाॅकडाउन लगा देना चाहिए? लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि क्या दो साल बंद रहने के बाद जो स्कूल हाल-फिलहाल में खोले गये हैं उन्हें एक बार फिर बंद करना पड़ेगा?
पीटीआई न्यूज एजेंसी के हवाले से यह सूचना मिली है कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप के कारण चिंताओं और अनिश्चितता के बीच स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने यह राय दी है कि स्कूलों को एक बार फिर से बंद करने की बजाय उन्हें खुला रखने के लिए योजनाएं बनायी जाये.
कोरोना वायरस के प्रसार के बाद मार्च 2020 में स्कूलों को बंद किया गया था, अब जबकि स्कूल फिर से खुले हैं कोरोना के नये वैरिएंट का खतरा मंडराने लगा है. हालांकि अभी तक इस वैरिएंट का एक भी केस भारत में नहीं पाया गया है, बावजूद इसके सरकार एहतियातन कदम उठा रही है.
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विशेषज्ञों का कहना है कि विदेश से आने वाले यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जाये, उन्हें एक हफ्ते तक कोरेंटिन रखा जाये, ताकि देश में ओमिक्रोन वैरिएंट का प्रसार ना हो पाये. इसके साथ ही बच्चों का वैक्सीनेशन भी बहुत जरूरी है. जल्द से जल्द बच्चों का वैक्सीनेशन कराया जाये ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और खतरा उनपर से कम हो.
गौरतलब है कि ओमिक्रोन का पहला केस दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, इस वायरस के बारे में यह कहा जा रहा है कि यह अत्यधिक संक्रामक है और यह 30-50 म्यूटेशन कर चुका है. हालांकि टीका कितना असरकारी है और इस वायरस के लक्षण कितने खतरनाक हो सकते हैं इसपर अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ कोरोना प्रोटोकाॅल के पालन की सलाह दे रहे हैं.