देश में कोरोना के नये मामलों में एक बार फिर से तेजी देखी जा रही है. सप्ताह भर पहले 16 हजार मामले में सामने आने के बाद लगातार दो दिनों से संक्रमितों की संख्या 20 हजार से अधिक दर्ज किये गये हैं. इधर ब्रिटेन में फैले कोरोना के नये स्ट्रेन के भारत में 20 मामले सामने आने के बाद से स्थिति और भी खराब हो गयी है. कोरोना के नये रूप ने स्वास्थ्य विभाग के साथ सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है. इस बीच नये साल में देशभर स्कूल-कॉलेज फिर से खोलने की कवायद तेज हो गयी है. बिहार, झारखंड, यूपी जैसे राज्यों के बाद अब पुडुचेरी में भी नये साल में स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर फैसला ले लिया गया है.
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में 4 जनवरी को स्कूल फिर से खुलेंगे. I से XII के छात्रों के लिए नियमित रूप से कक्षाएं संचालित की जाएंगी. सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि स्कूल का समय सभी 6 दिन 10:00 से दोपहर 1 बजे तक होगा.
मालूम हो देश के विभिन्न राज्यों ने स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर अलग-अलग दिन और गाइडलाइन जारी किये हैं. झारखंड में दिसंबर से ही स्कूल खो दिये गये हैं, हालांकि केवल 10वीं और 12वीं क्लास के छात्रों के लिए स्कूल खोले गये हैं. नर्सरी से 9वीं तक के छात्रों को अब भी स्कूल नहीं बुलाया जा रहा है.
वहीं बिहार सरकार ने 4 जनवरी से 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है. साथ ही राज्यभर में सभी कोचिंग संस्थानों को भी खोलने की अनुमति दे दी गयी है. अगल चरण में 18 जनवरी के बाद सभी स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी जाएगी.
कर्नाटक सरकार ने स्कूल और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों (पीयूसी) को कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों के लिए एक जनवरी से फिर से खोलने का निर्णय लिया है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक कोरोना के मामले कम नहीं हो जाते तब तक स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाएंगे.
राजस्थान में भी 4 जनवरी से स्कूल-कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी गयी है. वहीं महाराष्ट्र में भी 4 जनवरी से स्कूल खुल रहे हैं. लेकिन केवल 6ठी से क्लास 12वीं तक ही अभी खोले जाएंगे. गौरतलब है कि जहां-जहां स्कूल-कॉलेज खोले जा रहे हैं, वहां कोरोना गाइडलाइन जारी कर दिया गया है. जिसका पालन सभी को करना अनिवार्य कर दिया गया है.
इस गाइडलाइन का करना होगा पालन
स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को करना होगा सैनेटाइज.
स्कूल में प्रवेश से पहले गेट में सभी की थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य होगा. इसके अलावा स्कूल में सैनेटाइजर और साबुन की व्यवस्था अनिवार्य होगी.
छात्रों के बीच कम से कम छह फीट की दूरी. जिसमें भीड़ होती है, वैसे सभी कार्यक्रम पर रोक होगी. कई राज्यों में स्कूल बस सेवा की शुरुआत नहीं की गयी है. कहीं-कहीं पर छात्रों को स्कूल आने से पहले अभिभावकों से अनुमति अनिवार्य कर दिया गया है.
Posted By – Arbind kumar mishra