दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे नाबालिग छात्रों के वाहन चलाने के कानूनी परिणामों के बारे में उनके माता-पिता को जागरूक करें. स्कूलों को यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि किसी भी नाबालिग छात्र को स्कूल आने और वहां से घर जाने के लिए कोई वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाये.
शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने स्कूल के प्राचार्यों को लिखे एक पत्र में कहा है, वाहन चलाते हुए किशोरों द्वारा किये जाने वाले अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. इस संदर्भ में, सभी (छात्रों के) माता-पिता और स्कूलों के प्राचार्यों का मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम,2019 की धारा 199 ए (1 और2) तथा 199 बी की ओर ध्यान दिलाया जा रहा है.
पत्र में कहा गया है कि कानून के मुताबिक, यदि कोई किशोर अपराध करता है तो मोटर वाहन के मालिक को उसके लिए दोषी माना जाएगा और उसके अनुसार दंडित करने के लिए कार्यवाही की जाएगी. पत्र में कहा गया है कि इस प्रावधान के बारे में छात्रों और उनके माता-पिता को जागरूक किया जाना चाहिए. इसमें कहा गया है कि इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति सदस्यों की भी मदद ली जा सकती है.
गौरतलब है कि अब कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज खुल चुके हैं और कई राज्यों में जल्दी ही खुलने वाले हैं. चूंकि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए अभी कई स्कूलों ने बस की सुविधा नहीं दी है, ऐसे में कई जगहों पर बच्चे अपने वाहन से आ-जा रहे हैं, ऐसे में मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम का उल्लंघन ना हो इस बात का ध्यान अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन को ही रखना है.
Posted By : Rajneesh Anand