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School Reopen latest news : कोरोना वैक्सीन के बिना स्कूल खोलना कितना सुरक्षित?

कोरोना काल में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद जब अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया शुरू हुई तो सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर हुई कि आखिर बच्चों के स्कूल-कॉलेज कब (School Reopen) खुलेंगे. अनलॉक की गाइडलाइन जारी होने के बाद केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी थी, लेकिन अंतिम फैसले का अधिकार राज्य सरकार को दिया था.

कोरोना काल में लॉकडाउन (Lockdown) के बाद जब अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया शुरू हुई तो सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर हुई कि आखिर बच्चों के स्कूल-कॉलेज कब (School Reopen) खुलेंगे. अनलॉक की गाइडलाइन जारी होने के बाद केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी थी, लेकिन अंतिम फैसले का अधिकार राज्य सरकार को दिया था. कोरोना वैक्सीन के बिना स्कूल खोलने से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

इन राज्यों में खुल चुके हैं स्कूल

सबसे पहले पंजाब-हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में स्कूल खुले, लेकिन कुछ ही दिनों में बंद कर दिये गये. नवंबर के बाद यूपी, पंजाब, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, केरल, असम और हरियाणा जैसे राज्यों में स्कूल खुल गये हैं. वहीं ओडिशा, गुजरात जैसे राज्यों में 11 जनवरी से स्कूल खुलेंगे.

कर्नाटक और बिहार में बड़ी संख्या में बच्चे हुए कोरोना पॉंजिटिव

साल 2021 की शुरुआत के साथ ही जनवरी महीने में कर्नाटक में 50 और बिहार में 22 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं. स्कूल री-ओपन का आदेश आने के बाद जब पंजाब में स्कूल खुले थे तब भी कई बच्चे सहित शिक्षक भी पॉजिटिव पाये गये थे. भारत में ही नहीं विदेशों में भी जब स्कूल खुले तो कई बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए थे.

बच्चों को स्कूल भेजना कितना सुरक्षित

कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भी भारत आ चुका है और अबतक इसके 82 मरीज मिल चुके हैं. ऐसे में स्कूल खोलना और बच्चों को स्कूल भेजना कितना सुरक्षित है? यह सवाल हर अभिभावक जानना चाहता है. हालांकि अभी अधिकतर राज्य में सिर्फ 10-12 क्लास तक के बच्चों के लिए ही स्कूल खुले हैं, लेकिन पंजाब ने कक्षा पांच से ही स्कूल खोल दिया है. कोरोना वायरस की संक्रामकता को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते. पहले एक सर्वे भी आ चुका है जिसमें 70 प्रतिशत अभिभावकों ने यह कहा था कि वे अपने बच्चों को वैक्सीन आने के बाद ही स्कूल भेजेंगे.

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वैक्सीन आने के बाद भी सावधानी जरूरी

देश के प्रतिष्ठित डॉक्टर्स और एम्स के डॉयरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी यह कह चुके हैं कि वैक्सीन आते और इसके लगते ही हमें सावधानी छोड़ देनी है ऐसा नहीं है. हमें पूरी सावधानी रखनी होगी. डॉ त्रेहन ने भी यह कहा है कि वैक्सीन का पहला डोज लगने और उसके बाद दूसरा डोज लगने के बाद भी हमें सावधानी रखनी होगी. मास्क, सैनेटाइजर और विटामिन का प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि वैक्सीन के बाद भी जबतक आपकी बॉडी में कोरोना का एंटीबॉडी नहीं बनेगा आपको कोरोना हो सकता है. एंडीबॉडी बनने की प्रक्रिया में 20-25 दिन का समय लगेगा.

छोटे बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग कराना मुश्किल

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए स्कूल प्रबंधन तो तत्पर है लेकिन स्कूल को अगर पूरे स्ट्रेंथ के साथ खोल दिया जाये, तो उनके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना मुश्किल हो जायेगा. स्कूल प्रबंधन एक क्लास में 12-15 बच्चों को बैठा रहा है जिस क्लास में कोरोना से पहले 50-60 बच्चे बैठा करते थे. टीचर्स का भी यह कहना है कि बड़े बच्चे तो सोशल डिस्टेंसिंग समझते हैं लेकिन छोटे बच्चों के लिए अगर स्कूल खुले तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जायेगा.

Posted By : Rajneesh Anand

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