पंजाब सरकार ने मंगलवार, 20 जुलाई 2021 को 26 जुलाई से स्कूलों को फिर से खोलने का आदेश दिया है. यह आदेश फिलहाल कक्षा 10 से 12वीं तक के छात्रों के लिए ही लागू होगा. इस बीच कोरोना प्रतिबंधों में ढील दी जा रही और कई राज्यों में फिर से स्कूल खोलने (School Opening) की तैयारी शुरू हो गई है. इस बीच आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargav) ने स्कूल खोलने को लेकर बड़ा बयान दिया है.
डॉ. बलराम भार्गव ने स्कूल खोलने को लेकर कही ये बात
आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव चौथे सीरो सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि बड़ों की तुलना में बच्चों पर कोरोना का प्रभाव कम पड़ता है. डॉ. भार्गव ने बताया कि यूरोप के कई देशों ने तो कोरोना संक्रमण की तेजी के दौरान स्कूल खोले हुए थे. डॉ. भार्गव ने कहा जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना को लेकर हुए चौथे सीरो सर्वे में 6 से 17 साल तक के 28975 बच्चों को शामिल किया गया था.
इन लोगों में से 62 प्रतिशत को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई थी. जबकि 24 प्रतिशत ने वैक्सीन की एक डोज और 14 प्रतिशत ने दोनों डोज ले रखी थीं. भार्गव ने बताया कि इस सर्वे में सीरो प्रीवलेंस 67 प्रतिशत मिला है.
AIIMS निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी स्कूल खोलने को लेकर अपने बयान में कहा था कि सरकार को विचार करना चाहिए. उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि अब समय आ गया है कि स्कूलों को फिर से खोलने पर सहमत हो जाना चाहिए. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि स्कूल खुलने के कारण हमारे बच्चों के लिए सिर्फ सामान्य जीवन देना नहीं बल्कि एक बच्चे के समग्र विकास में स्कूली शिक्षा का महत्व बहुत मायने रखता है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन क्लास से ज्यादा बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है.
इन शर्तों पर खुल सकते हैं स्कूल
डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि अगर भारत इस बारे में विचार करता है तो माध्यमिक विद्यालय खोलने से पहले प्राइमरी स्कूल खोलना बुद्धिमानी होगी. स्कूल बस ड्राइवर, शिक्षक और स्कूल के अन्य कर्मचारियों के सभी सहायक कर्मचारियों को टीका लगाने की जरूरत है. वहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट क्या है और पब्लिक हेल्थ सिचुएशन क्या है, इसपर भी ध्यान देना होगा.
Posted By: Shaurya Punj