देश में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के साथ ही देश के सभी राज्यों में तेजी से स्कूल-कॉलेज खोलने की कवायद शुरू हो चुकी है. कई राज्यों में स्कूल खोल दिये गये हैं, तो कई राज्यों में जनवरी के आखिर तक स्कूल खोल दिये जाएंगे. हालांकि देश की राजधानी में अबतक स्कूल नहीं खोले गये हैं. हालांकि दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया है कि बहुत जल्द की राज्य में स्कूल खोल दिये जाएंगे.
इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार से नर्सरी दाखिले को लेकर बड़ी बात कह दी है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार से एक वकील के आवेदन पर विचार करने को कहा है, जिसमें कोरोना महामारी के मद्देनजर 2021-22 शैक्षणिक सत्र में नर्सरी की कक्षाओं में दाखिले को टालने का अनुरोध किया गया है.
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील का बयान दर्ज किया कि नर्सरी में दाखिले के संबंध में किसी भी फैसले के पहले याचिकाकर्ता द्वारा मुहैया करायी गयी सूचना या राय पर विचार किया जाएगा.
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हाईकोर्ट ने कहा कि उसने याचिका के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है. याचिकाकर्ता सह वकील रजत वत्स द्वारा आदेश पर संतोष जताने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया गया. वत्स ने कहा कि उन्होंने पिछले साल 12 दिसंबर को प्राधिकारों के सामने आवेदन दिया था लेकिन उसपर अब तक कोई जवाब नहीं आया है जिसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के स्थायी वकील रमेश सिंह ने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए नर्सरी या प्रवेश स्तर पर दाखिले के लिए सरकार ने अब तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि दिशा-निर्देश जारी हुए बिना ही कुछ निजी स्कूलों ने नर्सरी में दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
याचिका में कहा गया, नर्सरी कक्षा में दाखिले के संबंध में तीन-चार साल के बच्चों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी करना जरूरी है. ऐसा इसलिए कि दिल्ली सरकार बच्चों के हितों पर विचार किए बिना स्कूल प्रबंधनों को वित्तीय फायदा पहुंचाने के लिए प्रत्यक्ष या ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति दे सकती है.
याचिका में कहा गया कि नर्सरी शिक्षा का मकसद बच्चों को स्कूल के वातावरण और कक्षाओं से अवगत कराना है और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों या स्कूलों को खोलकर यह उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला है.
Posted By – Arbind kumar mishra