कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने प्राइवेट-सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे केवल ट्यूशन फीस ही लें. लॉकडाउन और किसी अन्य मद के तहत चार्ज नहीं लिए जाएंगे. जिन छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा कोई अन्य फीस ली गई है, स्कूल को उसे आने वाले महीनों में एडजस्ट करना होगा.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने चेतावनी दी है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों को दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम एवं नियमावली , 1973 के तहत दंडित किया जाएगा. बता दें कि दिल्ली सरकार को अभिभावकों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा स्कूल बंद होने के बावजूद कई अन्य तरह की फीस वसूलने की शिकायत मिली थी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर ये जानकारी साझा की है.
प्राइवेट स्कूलों के छात्रों-अभिभावकों के हित में @ArvindKejriwal सरकार का बड़ा फ़ैसला-
प्राइवेट स्कूलों को आदेश –
कोई भी स्कूल ट्यूशन फ़ीस के अलावा कोई अन्य फ़ीस चार्ज न करे. जिसने छात्रों से ट्यूशन फ़ीस के अलावा कोई अन्य फ़ीस ली है उसे आने वाले महीनो में ऐडजस्ट करना होगा.— Manish Sisodia (@msisodia) August 31, 2020
स्कूलों के भेजे पत्र में शिक्षा विभाग के निदेशक उदित प्रकाश राज ने कहा कि कोविड-19 महामारी और लंबे समय से स्कूलों के बंद रहने के कारण उनका ऐसा आचरण न केवल पहले जारी किये गये निर्देशों का उल्लंघन होगा बल्कि अमानवीय भी होगा. लिखा है कि ये विद्यालय न्याय और परमार्थ सोसायटी द्वारा चलाये जाते हैं , इसलिए संस्थान के संविधान के तहत उनसे परमार्थ और बिना फायदा कमाए छात्रों को शिक्षा देने की आशा की जाती है.
उन्होंने कहा कि कुछ निजी विद्यालयों एवं उनके एसोसिएशनों से प्रतिवेदन मिले हैं, जिनमें दावा किया गया है कि चूंकि लॉकडाउन खत्म हो गया है इसलिए वे ट्यूशन फीस, वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क और अन्य निर्धारित मदों में फीस वसूल सकते हैं.
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आगे लिखा कि यह सही नहीं है क्योंकि फिलहाल लॉकडाउन में छूट चरणबद्ध तरीके से दी जा रही है, इसलिए पूर्णरूप से लॉकडाउन हटना बाकी है, और स्कूलों के क्लास रूम में भी पढ़ाई शुरू होना बाकी है.
Posted By: Utpal kant