कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल मार्च से ही स्कूल बंद है. स्कूल कब खुलेंगे इसे लेकर तरह – तरह की अटकले हैं लेकिन सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जबतक वैक्सीनेशन की संख्या तेज नहीं होती, ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन नहीं दे दी जाती तबतक स्कूल नहीं खुलेंगे.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने इस संबंध में कहा, स्कूल में छात्र और शिक्षक एक साथ बैठेंगे. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है. हम स्कूल तभी खोल सकते हैं जब हम कोरोना संक्रमण से बचने के लिए उन्हें प्रोटेक्शन दे सकें और यह तभी संभव है कि भारी संख्या में वैक्सीनेशन हुआ हो. तबतक वायरस के फैसलने का खतरा है और स्कूल नहीं खोले जा सकते.
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उन्होंने संक्रमण के मामलों के कम होने के बाद स्कूल खोलने का मन बना रहे संस्थान और स्कूलों को चेताया है उन्होंने कहा, संक्रमण के मामलों में कमी पाबंदियों की वजह से, लॉकडाउन की वजह से आयी है अगर स्कूल खोले गये औऱ ज्यादा रियायतें मिली तो मामले एक बार फिर बढ़ सकते हैं.
स्कूल खोले जाने को लेकर राज्यों की राय भी अलग – अलग है कुछ राज्य जैसे तेलंगाना में स्कूल और कॉलेज खोलने का फैसला लिया जा रहा है लेकिन दिल्ली और केरल जैसे राज्य अभी ऑनलाइन क्लास को ही प्राथमिकता दे रहे हैं . डॉ पॉल ने कहा, अभी बहुत सारी चीजों पर ध्यान देना होगा शिक्षकों का वैक्सीनेशन, उचित दूरी का पालन और बच्चों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखनी होगी
हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि कई देश ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल खोले लेकिन जब संक्रमण के मामले बढ़ने लगे तो दोबारा बंद करने का फैसला ले लिया, हमें यह नहीं चाहिए, हम जबतक पूरी तरह सुरक्षित नहीं है हमें स्कूल खोलने का फैसला नहीं लेना चाहिए. जब हमें विश्वास हो जाये कि संक्रमण का खतरा पूरी तरह कम हो गया, खत्म हो गया. अब हमें इससे नुकसान नहीं है तभी हमें स्कूल खोलने पर विचार करना चाहिए.
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उन्होंने कई आंकड़े भी सामने रखे जिसमें महाराष्ट्र में 8000 बच्चे और युवा संक्रमित पाये गये . 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं मिल रही है 2 से 18 साल के बच्चों के लिए अभी ट्रायलव चल रहा है. सरकार ने भी कई जरूरी परीक्षाओं को रद्द कर दिया है इससे साफ पता चलता है कि संक्रमण के इस दौर में सरकार कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहती है.