हिंसा के बीच मणिपुर में खुल रहे हैं स्कूल, जानें क्या बोले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह
मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. जानें क्या हैं ताजा हालात
मणिपुर के स्कूल अब खुलने जा रहे हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस बाबत जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि मई के पहले सप्ताह में राज्य में जातीय झड़पें शुरू होने के बाद से बंद किये गये पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल पांच जुलाई से फिर खुलेंगे. सीएम बीरेन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहाड़ी और घाटी जिलों में स्थापित बंकरों को हटा दिया जाएगा, जबकि मेइती और कुकी दोनों समुदायों के किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अतिरिक्त राज्य बल तैनात किये जा रहे हैं, ताकि कृषि गतिविधियां शुरू हो सकें.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूल पांच जुलाई से फिर खुलेंगे. तीन मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. पूर्वोत्तर राज्य में शांति लाने के लिए सेना और अन्य केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है, जहां जातीय समुदायों के बीच दो महीने से जारी हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गये हैं, कई लोग घायल हुए हैं और बड़ी संख्या में घरों तथा पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया गया.
युवा कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
भारतीय युवा कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर मणिपुर हिंसा को रोक पाने में विफलता का आरोप लगाया और प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए सोमवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया. युवा कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. की अगुवाई में संगठन के कार्यकर्ताओं ने यहां शास्त्री भवन (विभिन्न मंत्रालय का कार्यालय) के निकट प्रदर्शन किया.
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इम्फाल वेस्ट जिले में दो समूहों के बीच गोलीबारी
मणिपुर के इम्फाल वेस्ट जिले में सोमवार को दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शांतिपुर गांव के पास हुई. घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा बल की तैनाती की गयी है.