अफगानिस्तान की धरती का उपयोग किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए न हो, SCO-CSTO की बैठक में बोले पीएम मोदी
SCO CSTO Outreach Summit On Afghanistan अफगानिस्तान की स्थिति पर एससीओ और सीएसटीओ की विशेष बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी देश पहले भी आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं, इसलिए हमें मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए न हो.
SCO CSTO Outreach Summit On Afghanistan अफगानिस्तान की स्थिति पर एससीओ और सीएसटीओ की विशेष बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी देश पहले भी आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं, इसलिए हमें मिलकर सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए न हो. पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ को सदस्य देशों को इस विषय पर सख्त और साझा मानदंड विकसित करने चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ये मानदंड आगे चलकर वैश्विक एंडी टेरर सहयोग के लिए भी एक टेंपलेट बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये मानदंड आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर आधारित होने चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि इनमें क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म और टेरर फाइनेंसिंग जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट होना चाहिए.
All countries have been victims of terrorism, so together we should ensure that the land of Afghanistan is not used to spread terrorism in any country. SCO Member Nations should develop strict norms over this issue: PM Modi at SCO-CSTO Outreach Summit on Afghanistan pic.twitter.com/co4cBAjvL9
— ANI (@ANI) September 17, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरवाद बना रहेगा, तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी व उग्रवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है. इसलिए आवश्यक है कि नई व्यवस्था की मान्यता पर फैसला वैश्विक समुदाय सोच समझकर और सामूहिक तरह से ले. इस मुद्दे पर भारत संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में हमें चार विषयों पर ध्यान देना होगा. पहला मुद्दा है कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन इंक्लूजिव नहीं है और बिना नेगोशिएशन के हुआ है. इससे नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं. महिलाओं, अल्पसंख्यकों सहित अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है. पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम का सबसे अधिक प्रभाव हम जैसे पड़ोसी देशों पर होगा और इसलिए, इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रिय सहयोग बहुत आवश्यक है.
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