SCO Summit 2022: दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है एससीओ ! जानिए क्या है इसके गठन का उद्देश्य ?
SCO Summit 2022: शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है. भौगोलिक क्षेत्र और जनसंख्या के अनुसार, यह दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है जो यूरेशिया के लगभग 60% क्षेत्र, विश्व जनसंख्या का 40% और वैश्विक जीडीपी के 30% से अधिक को कवर करता है.
SCO Summit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी उज्बेकिस्तान के समरकंद में मौजूद है. समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान सहित कई अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए है. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शुरुआत साल 2001 में शंघाई में हुई थी. इस संगठन के आठ पूर्ण सदस्य है. इन सदस्यों में छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. बता दें कि इस समूह में भारत और पाकिस्तान को वर्ष 2017 में सदस्य के रूप में शामिल किया गया था.
सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक
बता दें कि एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है. भौगोलिक क्षेत्र और जनसंख्या के अनुसार, यह दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है जो यूरेशिया के लगभग 60% क्षेत्र, विश्व जनसंख्या का 40% और वैश्विक जीडीपी के 30% से अधिक को कवर करता है.
सुरक्षा से संबंधित चिंताओं पर केंद्रित है एससीओ
एससीओ मुख्य रूप से सुरक्षा से संबंधित चिंताओं पर केंद्रित है, जो अक्सर मुख्य खतरों का वर्णन करता है. आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी मुद्दों का यह सामना करते हैं. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना एक बहुपक्षीय संघ के रूप में की गई थी, जो विशाल यूरेशियाई क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थिरता बनाए रखने के लिए, उभरती चुनौतियों और खतरों का मुकाबला करने के लिए सेना में शामिल होने और व्यापार के साथ-साथ सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग को बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया था.
2017 में भारत और पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर बने पूर्ण सदस्य
जुलाई 2005 में अस्ताना, कजाकिस्तान में शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था. जिसमें भारत, ईरान, मंगोलिया और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के साथ पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लिया. जुलाई 2015 में रूस के ऊफा में SCO ने भारत और पाकिस्तान को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार करने का निर्णय लिया. 9 जून 2017 को अस्ताना में एक शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर पूर्ण सदस्य के रूप में एससीओ में शामिल हो गए.
ईरान को SCO के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना
माना जा रहा है कि समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना है. बता दें इस सम्मेलन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरानी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना जतायी जा रही है. साथ ही रूस के राष्ट्रपति के साथ भी पीएम मोदी की बैठक होने की संभावना जतायी जा रही है. बता दें कि यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद ऐसा पहली बार होगा जब पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने होंगे. ऐसे में यह मुलाक़ात बहुत ही महत्वपूर्ण बतायी जा रही है.