SCO की बैठक में चीन को भारत की दो टूक, BRI परियोजना के समर्थन से इनकार
2022 में समरकंद घोषणा में इसी तरह का सूत्रीकरण इस्तेमाल किया गया था, जब भारत ने पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. भारत ने हमेशा बीआरआई का विरोध किया है, क्योंकि उसका कहना है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करता है.
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं के शिखर सम्मेलन के अंत में जारी नई दिल्ली घोषणा में , भारत ने बेल्ट एंड रोड्स इनिशिएटिव (बीआरआई) का समर्थन करने वाले पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, जो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पसंदीदा परियोजना है
भारत ने हमेशा बीआरआई का विरोध किया
2022 में समरकंद घोषणा में इसी तरह का सूत्रीकरण इस्तेमाल किया गया था, जब भारत ने पैराग्राफ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. भारत ने हमेशा बीआरआई का विरोध किया है, क्योंकि उसका कहना है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करता है.
यह प्रोजेक्ट उस रास्ते से होकर गुजरता है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है
आपको बताएं, बीआरआई एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो मुख्य रूप से चीन को अरब सागर से जोड़ता है. यह चीन के झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से लेकर पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह तक फैला है. यह परियोजना गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है. और अरब सागर तक पहुंचने से पहले उत्तर से दक्षिण तक पाकिस्तान को पार करती है. भारत चीन की किसी भी उस परियोजना का समर्थन नहीं करता, जिससे देश की सुरक्षा का खतरा पैदा होता है. भारत का बीआरआई का समर्थन नहीं करने की सबसे बड़ी वजह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा है, जो कि इस परियोजना का एक हिस्सा है. यह प्रोजेक्ट उस रास्ते से होकर गुजरता है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा
भारत ने अपनी घोषणा में क्या लिखा ?
2023 की नई दिल्ली घोषणा में बीआरआई पैराग्राफ में लिखा है, “चीन की “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” (बीआरआई) पहल, कजाकिस्तान गणराज्य, किर्गिज़ गणराज्य, इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान, रूसी संघ, ताजिकिस्तान गणराज्य और गणराज्य के लिए उनके समर्थन की पुष्टि करते हुए. उज़्बेकिस्तान के लोग इस परियोजना को संयुक्त रूप से लागू करने के लिए चल रहे काम पर ध्यान देते हैं, जिसमें यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन और बीआरआई के निर्माण को जोड़ने के प्रयास भी शामिल हैं.