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SCO Meeting: विश्वास और सहयोग बढ़ाने पर जोर, बोले राजनाथ- चुनौतियों का मिलकर करना होगा सामना

SCO Meeting: भारत, रूस, चीन और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अन्य सदस्य देशों ने नयी दिल्ली द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उससे संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में अफगानिस्तान में स्थिति की भी समीक्षा किए जाने की संभावना है.

SCO Meeting: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रही SCO बैठक में कई देशों के रक्षा मंत्री शामिल हुए. बैठक में चीन के स्टेट काउंसिलर और रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू ने कहा कि- प्रमुख पड़ोसी देशों और महत्वपूर्ण विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत मतभेदों की तुलना में कहीं अधिक कॉमन इंटरेस्ट शेयर करते हैं. केवल यहीं नहीं जनरल ली ने आगे बताते हुए कहा कि- दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों और एक-दूसरे के विकास को व्यापक, दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, और संयुक्त रूप से विश्व और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए ज्ञान और शक्ति का योगदान देना चाहिए.

विश्वास और सहयोग की भावना को मजबूत करना लक्ष्य

भारत, रूस, चीन और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अन्य सदस्य देशों ने नयी दिल्ली द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उससे संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में अफगानिस्तान में स्थिति की भी समीक्षा किए जाने की संभावना है. राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा- भारत सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एससीओ को एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में देखता है. हम एक राष्ट्र के तौर पर एससीओ सदस्य देशों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहते हैं.

इन्होने बैठक में लिया हिस्सा

चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु, रूस के सर्गेइ शोइगु, ताजिकिस्तान के कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अश्तियानी और कजाखस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुस्लान झाक्सिलिकोव ने दिल्ली में हुई बैठक में हिस्सा लिया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ को बैठक में वर्चुअल तरीके से हिस्सा लेना था. रक्षा मंत्री सिंह ने कहा- यह मंच हमारे विचारों, अवधारणाओं और चिंताओं को साझा करने के लिए हम सभी को एक अवसर उपलब्ध कराता है. यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां हम अपने समक्ष चुनौतियों पर चर्चा कर सकते हैं, उनका समाधान तलाश सकते हैं.

SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा

बैठक की तैयारियों से संबद्ध अधिकारियों ने बताया कि इसमें अफगानिस्तान में हो रहे घटनाक्रम समेत क्षेत्रीय सुरक्षा स्थितियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आतंकवाद तथा चरमपंथ से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की जाएगी. एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा समूह है तथा यह सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक बनकर उभरा है. एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में की थी. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे.

सुरक्षा संबंधी सहयोग को गहरा करने में गहन दिलचस्पी

भारत को 2005 में SCO में एक पर्यवेक्षक बनाया गया था और उसने सामन्यत: समूह की मंत्री स्तरीय बैठकों में भाग लिया है, जो मुख्य रूप से यूरेशियाई क्षेत्र में सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित हैं. भारत ने एससीओ और इसके क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ अपने सुरक्षा संबंधी सहयोग को गहरा करने में गहन दिलचस्पी दिखाई है, जिसमें विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दे आते हैं. (भाषा इनपुट के साथ)

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