SCO Summit: समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान उज्बेकिस्तान, रूस और ईरान के राष्ट्रपति के साथ पीएम नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय बैठक कर सकते है. विदेश मंत्रालय ने कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से पहले व्यक्तिगत रूप से एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए मोदी की उज्बेकिस्तान यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि समरकंद में उनकी द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना थी.
प्रधानमंत्री का समरकंद में कार्यक्रम बेहद व्यस्त
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री का समरकंद में बेहद व्यस्त कार्यक्रम होगा क्योंकि उनके गुरुवार 15 सितंबर को दोपहर बाद ऐतिहासिक शहर में उड़ान भरने और 16 सितंबर शुक्रवार की देर शाम को रवाना होने की उम्मीद है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एससीओ राज्यों के प्रमुखों के शिखर सम्मेलन के कम से कम दो सत्रों और उज़्बेक राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव द्वारा आयोजित रात्रिभोज के लिए एक ही कमरे में रहने की उम्मीद जतायी जा रही है.
पाकिस्तान के साथ नहीं होगी बैठक!
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच द्विपक्षीय बैठक की खबर से इनकार किया है, जबकि पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक पर भारत और चीन दोनों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता, ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि समरकंद में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ किसी भी बैठक की परिकल्पना नहीं की गई है.
एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर रूसी राष्ट्रपति के साथ बैठक संभव
रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव ने मंगलवार को मॉस्को में संवाददाताओं से कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संयुक्त राष्ट्र और जी20 में भारत के साथ सहयोग पर चर्चा करेंगे. मोदी के साथ अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर भी बातचीत होगी. दोनों पक्ष रणनीतिक स्थिरता, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और निश्चित रूप से संयुक्त राष्ट्र, जी20 और एससीओ जैसे प्रमुख बहुपक्षीय प्रारूपों में सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
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ईरानी तेल के आयात के मुद्दे पर चर्चा की उम्मीद
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशेदी ने भी मीडिया से बातचीत के क्रम में बताया कि ईरानी नेता समरकंद में मोदी, पुतिन, शी और तुर्की के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. सूत्रों की मानें तो ईरानी पक्ष द्वारा बैठक में भारत द्वारा ईरानी तेल के आयात को फिर से शुरू करने के मुद्दे को उठाने की उम्मीद है. तेहरान ने हाल के महीनों में कई बार नई दिल्ली के साथ इस मामले को उठाया है, खासकर जब भारत ने यूक्रेन संघर्ष के बाद रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि की है.