केदारनाथ: श्री आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का पीएम मोदी ने किया अनावरण, मूर्तिकार बोले- मेरे लिए सौभाग्य की बात
प्रधानमंत्री आज केदारनाथ धाम की यात्रा पर हैं. इस मौके पर उन्होंने केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना की. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया. कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा, केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी.
Statue of Adi Shankaracharya प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ धाम की यात्रा पर हैं. इस मौके पर उन्होंने केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना की और भगवान केदार का रुद्राभिषेक किया. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया. कर्नाटक के मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि पीएम मोदी ने भारत के लोगों को प्रतिमा समर्पित की. इस मूर्ति को निष्पादित करने के लिए हमने 9 महीने तक प्रतिदिन 14-15 घंटे काम किया. बता दें कि उत्तराखंड में 2013 में आई बाढ़ में आदि गुरु शंकारचार्य की समाधि बह गई थी। जिसका पुनर्निर्माण कराया गया है.
It was a privilege for me to sculpt the statue of Adi Shankaracharya at Kedarnath. I am very happy that PM Modi dedicated the statue to the people of India. We worked for 14-15 hours everyday for 9 months to execute this sculpture: Arun Yogiraj, sculptor from Karnataka's Mysuru pic.twitter.com/elIHu0SkQa
— ANI (@ANI) November 5, 2021
नौ महीने में यहां मूर्ति तराशने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि कर्नाटक के लोग शुक्रवार को उत्तराखंड के केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण कर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. स्थानीय मूर्तिकार अरुण योगीराज और उनकी टीम ने शंकराचार्य की 12 फीट की मूर्ति को चट्टान के एक टुकड़े से तराशा था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री ने कम समय में सुंदर मूर्ति को अंतिम रूप देने के लिए अरुण योगीराज को बधाई दी. उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से भी सराहना मिली थी.
अरुण योगीराज ने कहा कि इस बात को ध्यान रखा कि मूर्ति का चेहरा आकर्षक दिखे और उसका वास्तविक रूप होना चाहिए. साथ ही यह सभी 360 डिग्री कोणों से भी सुंदर दिखनी चाहिए. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मैं केदारनाथ पहुंचा और 25 सितंबर से 25 अक्टूबर के बीच स्थापना की गई. यह मेरे लिए सम्मान की बात है. यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी क्योंकि केदारनाथ तीर्थस्थल पर लाखों श्रद्धालु आते हैं.