Mumbai : देश की आर्थिक राजधानी और सपनों की नगरी मुंबई पर एक नया खतरा मंडरा रहा है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि चक्रवाती घटनाओं, तूफान और समुद्र के जलस्तर बढ़ने से देश की आर्थिक राजधानी के 2 करोड़ लोगों पर खतरा मंडरा रहा है. इसके कारण भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के पूरी तरह डूब जाने का खतरा है.
मुंबई शहर और महाराष्ट्र तट के लिए ऊर्जा, पर्यावरण और जल (CEEW) पर नीति अनुसंधान संस्थान परिषद की हालिया रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र के स्तर में वृद्धि और तूफान के बढ़ने से दक्षिण मुंबई अत्यधिक संवेदनशील इलाका है. पश्चिमी तट के पार तूफान और चक्रवात के रुझान उनके जटिल प्रभावों के कारण चिंताजनक हैं. तूफान बढ़ने से अक्सर समुद्र के स्तर में असामान्य वृद्धि होती है जिससे नागरिकों की सुरक्षा को खतरा होता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के समुद्र का तापमान भी बढ़ रहा है और इससे मौसम संबंधी घटनाएं जैसे तूफान का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है. अब ये बार-बार आने लगे हैं. मुंबई, ठाणे, रत्नागिरी और रायगढ़ को महाराष्ट्र में चक्रवात हॉटस्पॉट जिलों के रूप में पहचाना गया. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत मौसम विज्ञान विभाग और विश्व मौसम संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों के आंकड़ों के अनुसार 1970-1979 से चक्रवात की घटनाओं में में 6 गुना बढ़ोतरी हुई है, जो 2 से 12 हो गयी है.