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मिशन 2024 को लेकर विपक्षी दलों की दूसरी महाबैठक आज से शुरू, बैठक में नहीं शामिल होंगे शरद पवार!

Opposition Parties Meeting: विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने वाले दल बीजेपी की नीतियों के खिलाफ देश भर में एक संयुक्त आंदोलन की योजना बना सकते हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि महाराष्ट्र में एनसीपी के विभाजन के बाद इस मुद्दे पर खास ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

Opposition Parties Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए और पीएम मोदी को हराने के लिए विपक्ष गठजोड़ कर रहा है. महागठबंधन बनाने की कवायद में जुटा विपक्ष  17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में अहम बैठक कर रहा है. बेंगलुरु में आज यानी सोमवार को होने वाली विपक्ष की बैठक में 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता हिस्सा ले रहे हैं. आज और कल की बैठक में विपक्षी पार्टियां 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे. वहीं विपक्षी दलों की आज हो रही बैठक में एनसीपी चीफ शरद पवार शामिल नहीं होंगे. एनसीपी के प्रवक्ता महेश भारत तपासे ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि उनकी जगह उनकी बेटी और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले बैठक में हिस्सा लेने जाएंगी. गौरतलब है कि इससे पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी.

सूत्रों के मुताबिक, नेताओं के एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने को लेकर चर्चा करने और अधिकांश लोकसभा सीट पर साझा विपक्षी उम्मीदवारों को खड़ा करने के अपने प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की संभावना है. उन्होंने कहा कि सोमवार को रात्रिभोज से पहले चर्चा कर वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि 2024 के आम चुनावों को देखते हुए विपक्षी गठबंधन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम और संचार बिंदुओं का मसौदा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने का प्रस्ताव है.

इसके अलावा दलों के संयुक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने की भी योजना है, जो रैलियां, सम्मेलन और आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी. सूत्रों ने कहा कि राज्य-दर-राज्य आधार पर सीट बंटवारे को तय करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हो सकती है. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता ईवीएम के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं और निर्वाचन आयोग को सुधारों का सुझाव दे सकते हैं. विपक्षी नेता गठबंधन के लिए एक नाम सुझाने की भी योजना बना रहे हैं.

कांग्रेस की ओर से आयोजित बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी ने साफ कर दिया कि वह संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी. आम आदमी पार्टी ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस द्वारा संसद में अध्यादेश का विरोध करने की सूरत में ही वह विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी. पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था. वहीं बेंगलुरु की बैठक में 26 दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. विपक्ष की यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बीच हो रही है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.

संयुक्त आंदोलन की बन सकती है योजना
विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने वाले दल बीजेपी की नीतियों के खिलाफ देश भर में एक संयुक्त आंदोलन की योजना बना सकते हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि महाराष्ट्र में एनसीपी के विभाजन के बाद इस मुद्दे पर खास ध्यान केंद्रित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि बैठक में विपक्षी नेता बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने को पूरा प्रयास करेंगे. साथ ही विपक्षी सरकारों को गिराने और राज्यपालों के माध्यम से गैर-बीजेपी शासित राज्यों पर नियंत्रण करने के भाजपा के प्रयासों को उजागर करेंगे.

सोनिया गांधी भी हो सकती है बैठक में शामिल
विपक्षी दलों की बैठक को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा यह बैठक बेहद खास है जो निर्णायक बैठक साबित होगी. वहीं भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि दो दिवसीय सत्र बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए विपक्ष के संयुक्त संकल्प को दर्शाएगा. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में हो रही बैठक बीजेपी को हराने और देश एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टियों को एकजुट करने की दिशा में एक और कदम होगी. बता दें इस बार बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं.

सिद्धारमैया देंगे रात्रिभोज
विपक्षी दलों की होने वाली दो दिवसीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हो सकते हैं. दो दिवसीय सत्र की शुरुआत कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा आयोजित रात्रिभोज के साथ होगी और मंगलवार को एक और औपचारिक बैठक होगी.

भाषा इनपुट से साभार

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