कोरोना की दूसरी लहर का असर भारत के ग्रामीण इलाकों में भी, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बंगाल में ऐसी है स्थिति…
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने गांवों को भी अछूता नहीं छोड़ा है, पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण इलाकों से भी कोरोना संक्रमण और मौत के मामले सामने आ रहे हैं. यह स्थिति अलार्मिंग है क्योंकि भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति बहुत ही खराब है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने गांवों को भी अछूता नहीं छोड़ा है, पिछले कुछ दिनों से ग्रामीण इलाकों से भी कोरोना संक्रमण और मौत के मामले सामने आ रहे हैं. यह स्थिति अलार्मिंग है क्योंकि भारत के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति बहुत ही खराब है.
मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे केस सामने आये हैं जिनमें संक्रमित को बुखार था और जब तक उसे जिला अस्पताल लाया गया उसकी स्थिति बिगड़ गयी और मौत हो गयी. उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव ने संक्रमण को बढ़ाया है तो बंगाल में विधानसभा चुनाव ने.
मध्यप्रदेश में पांच अप्रैल से 25 अप्रैल तक तक लगभग 189,055 नये मामले सामने आये जिनमें से 14 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से थे. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा अपर्याप्त हैं. प्रदेश में 819 कोविड सेंटर हैं जिनमें से मात्र 69 ग्रामीण इलाकों में हैं. कुल 21 हजार 637 आइसोलेशन बेड में से मात्र तीन हजार बेड ग्रामीण इलाकों में हैं. आईसीयू बेड और आॅक्सीजन बेड की स्थिति तो और भी खराब है.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के कारण कोरोना वायरस का संक्रमण ग्रामीण इलाकों में बढ़ा है और कई लोगों के मौत की खबर भी सामने आयी है. चूंकि चुनाव में कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन नहीं हुआ और कई प्रवासी मजदूर जो महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में काम करते थे उन्होंने चुनाव में वोट देकर कोरोना संक्रमण को बढ़ाने का काम किया. स्वास्थय विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल एक्टिव केस 170,059 का 29 प्रतिशत 18 जिलों से सामने आया जिन्होंने पहले चरण में मतदान किया था. यह आंकड़ा अन्य चरणों के चुनाव में और बढ़ा. कोरोना के आंकड़े इंडिया टुडे से लिये गये हैं.
बंगाल की स्थिति यह है कि वहां कोरोना के टेस्ट चुनाव के कारण नहीं हो पा रहे थे. ग्रामीण इलाकों में अभी भी टेस्ट नहीं हो रहा है लेकिन ग्रामीणों में कोरोना के लक्षण हैं जो डराने वाले हैं और भारतीय सरकारों को चुनौती पेश कर रहे हैं.
Posted By : Rajneesh Anand