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“जब मैं वापस आऊं तो मुझे देखना”, विदेश में राहुल गांधी की टिप्पणी पर बोले एस जयशंकर

जयशंकर के संबोधन के बाद, भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए प्रश्नों का दौर शुरू हुआ. भारतीय समुदाय के एक मेंबर ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर जयशंकर से पूछा कि वह अमेरिका में किसी के द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में क्या कहना चाहेंगे?

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2023 9:56 AM

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के विदेश में किये गए टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि- जब राहुल गांधी विदेश जाते हैं तो वह राजनीति में शामिल होने से बचते हैं और भारत लौटने पर जोरदार बहस करेंगे. आगे जयशंकर ने अपने बयान में राहुल गांधी का नाम लेते हुए कहा कि- मैं किसी के साथ दृढ़ता से भिन्न हो सकता हूं लेकिन मैं इसका मुकाबला कैसे करता हूं … मैं घर वापस जाना चाहता हूं और इसे करना चाहता हूं. और जब मैं वापस आऊंगा तो मुझे देखना होगा. जयशंकर ने कांग्रेस नेता के परोक्ष संदर्भ में कहा- कभी-कभी राजनीति से बड़ी चीजें होती हैं और जब आप देश से बाहर कदम रखते हैं, तो मुझे लगता है कि यह याद रखना महत्वपूर्ण होता है. बता दें ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में हिससा लेने के लिए केप टाउन की अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर भारतीय समुदाय के साथ बातचीत कर रहे थे.

शुरू हुआ सवालों का दौर

जयशंकर के संबोधन के बाद, भारतीय समुदाय के सदस्यों के लिए प्रश्नों का दौर शुरू हुआ. भारतीय समुदाय के एक मेंबर ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर जयशंकर से पूछा कि वह अमेरिका में किसी के द्वारा की गई टिप्पणी के बारे में क्या कहना चाहेंगे? इस पर जयशंकर ने कहा- देखिए, मैं कहता हूं कि मैं सिर्फ अपनी बात कर सकता हूं. मैं कोशिश करता हूं कि जब मैं विदेश जाऊं, विदेश में राजनीति न करूं. आगे बताते हुए उन्होंने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक संस्कृति की कुछ सामूहिक जिम्मेदारी होती है जैसे राष्ट्रीय हित और सामूहिक छवि के लिए काम करना.

राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना

बता दें इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि- आज भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वह 1980 के दशक में दलितों के साथ हुआ था. सैन फ्रांसिस्को में मोहब्बत की दुकान कार्यक्रम में बोलते हुए, राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के कुछ कार्यों का प्रभाव अल्पसंख्यकों और दलित और आदिवासी समुदायों के लोगों द्वारा महसूस किया जा रहा है और इसे स्नेह से लड़ना होगा.

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