CAA लागू होने की खुशी में सीमा हैदर ने बांटी मिठाईयां, मोदी को दिया धन्यवाद, शादी की पहली सालगिरह भी मनाई
CAA: देशभर में सीएए लागू होने के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. जहां एक ओर बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों में इसको लेकर जश्न का माहौल है, तो असम और दिल्ली सहित कई जगहों पर इसका विरोध भी किया जा रहा है. सीएए लागू होने पर पाकिस्तान से भारत अपने प्रेमी से मिलने आई सीमा हैदर ने भी जमकर जश्न मनाया है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया है.
CAA लागू होने को लेकर पाकिस्तान से कथित तौर पर सचिन के प्यार में पड़कर भारत आई सीमा हैदर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया कहा. सीमा ने इस मौके पर अपने पति सचिन और बच्चों के साथ मिलकर जश्न मनाया और मिठाई बांटकर, मोदी-योगी के समर्थन में जयकारे भी लगाए.
सीमा हैदर का 2 मिनट 15 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उसे सीएए लागू होने पर खुशी जाहिर करते हुए देखा जा सकता है. सीमा के साथ वीडियो में उसके भारतीय पति सचिन और उसके बच्चे भी जश्न मनाते दिख रहे हैं. वीडियो में सीमा ने पीएम मोदी को सीएए लागू होने पर बधाई दी और भारत माती की जय के नारे भी लगाए. सीमा ने अपना प्रधानमंत्री कैसा हो, मोदी जैसा हो नारे भी लगाए. इसके साथ सीमा ने जय श्री राम और राधे-राधे के नारे भी लगाया.
सीमा ने मनाई शादी की पहली सालगिरह
सीमा हैदर ने सीएए लागू होने की खुशी के साथ-साथ अपने प्रेमि सचिन के साथ शादी की पहली सालगिरह का भी जश्न मनाया. सीमा का सालगिरह मनाते हुए तस्वीरें और वीडियो भी वायरल हो रहा है. मालूम हो सीमा का कथित रूप से पब्जी खेलने के दौरान दिल्ली नोएडा के रहने वाले सचिन के साथ संपर्क हुआ. बाद में दोनों के बीच प्यार हो गया और फिर सचिन से मिलने के लिए सीमा अवैध रूप से भारत पहुंच गई. फिलहाल सीमा हैदर के भारत आने की जांच चल रही है.
भारतीय मुसलमानों को सीएए पर चिंता की जरूरत नहीं : सरकार
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) पर भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं. मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि इस कानून के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा. सरकार ने कहा, नागरिकता कानून का वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं. केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए तेजी से नागरिकता प्रदान करने के वास्ते नागरिकता (संशोधन) कानून को सोमवार को अधिसूचित किया.