नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वैश्विक आर्थिक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित किया. इसमें उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना सिर्फ एक सोच नहीं, बल्कि सोची-समझी आर्थिक रणनीति है. उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान बहादुरी से मुकाबला किया. भारत की असली ताकत को दुनिया ने देखा.
Through this year, as India bravely fought the global pandemic, the world saw India’s national character. The world also saw India’s true strengths: PM Narendra Modi speaks at virtual Global Investor Roundtable pic.twitter.com/INLxzCuFmU
— ANI (@ANI) November 5, 2020
उन्होंने कहा, ”आत्मनिर्भर बनने की भारत की कोशिश केवल एक स्वप्न नहीं, बल्कि सुनियोजित आर्थिक रणनीति है.” मालूम हो कि वैश्विक आर्थिक गोलमेज निवेशक सम्मेलन में दुनिया भर के 20 से अधिक शीर्ष प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में किये गये हालिया सुधारों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ”कृषि क्षेत्र में सुधारों ने किसानों के साथ भागीदारी की नयी संभावनाओं को खोला है. साथ ही कहा कि भारत शीघ्र ही कृषि निर्यात के बड़े केंद्र के रूप में उभरेगा. भारत को वैश्विक आर्थिक वृद्धि के पुनरुद्धार को लेकर जो करना होगा, वह किया जायेगा.”
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र है. युवा जनसंख्या है. साथ ही मांग और विविधता भी है. उन्होंने कहा कि भारत आपको लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और विविधता प्रदान करता है. हमारी विविधता के कारण आपको एक बाजार में कई बाजार मिलते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि आप विश्वसनीयता के साथ रिटर्न चाहते हैं, स्थिरता चाहते हैं, हरित दृष्टिकोण के साथ विकास चाहते हैं, तो भारत का स्थान सबसे बेहतर है. एक मजबूत और जीवंत भारत विश्व आर्थिक व्यवस्था के स्थिरीकरण में योगदान कर सकता है.